झांसी 17 नवंबर । उत्तर मध्य रेलवे के झांसी रेलमंडल में कानपुर -झांसी रेलमार्ग पर फाटक बंद नहीं होने से ट्रैक से गुजरते एक लोडर के ट्रेन की चपेट में आने से हुई भीषण दुर्घटना की जांच के लिए एक पांच सदस्यीय समिति का गठन कर दिया गया है। इस हादसे में लोडर सवार दो लोगों की मौत हो गयी।
झांसी रेल मंडल के जनसंपर्क अधिकारी ने आज बताया कि झांसी-कानपुर रेलमार्ग पर लालपुर के पास कल रात 11 बजकर 20 मिनट के आसपास यह दुर्घटना हुई और सुबह तीन बजकर बीस मिनट के आसपास इस मार्ग पर ट्रेन संचालन भी सुचारू कर दिया गया। शुरूआत में ट्रेनों की संचालन की गति कम ही रही लेकिन बाद में स्थिति सामान्य हो गयी।
उन्होंने बताया कि रेल मंडल प्रबंधक आशुतोष के आदेश पर एक पांच सदस्यीय जांच टीम का गठन का दिया गया है मुख्य संरक्षा अधिकारी, चीफ इलेक्ट्रिकल लोको इंजीनियर, मुख्य सिग्नल इंजीनियर, मुख्य इंजीनियर ट्रैक मशीन और चीफ पैसेंजर ट्रांसपोर्टेशन मैनेजर को इसमें शामिल किया गया है। समिति जल्द ही इस मामले में रिपोर्ट पेश करेगी। इसके बाद ही दुर्घटना के कारणों के बारे में बताया जा सकेगा।

गौरतलब है कि रेलवे क्रासिंग पर कल रात गेट बंद नहीं बंद होने से ट्रैक पार करते समय एक लोडर गांधीनगर कैपिटल एक्सप्रेस की चपेट में आ गया था। इस भीषण हादसे में दो लोगों की मौत हो गयी थी लेकिन गनीमत रही कि ट्रेन पटरी से नहीं उतरी। इस दुर्घटना में बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुआ लोहर पास के ओएचई पोल से टकरा गया जिससे इंसुलेटर क्षतिग्रस्त हो गया और इस कारण से इस मार्ग पर रेल आवागमन बाधित हो गया।

बताया जा रहा है कि गेटमैन की जबरदस्त लापरवाही इस भीषण हादसे का कारण बनी। रात में ट्रेनों की आवाजाही कम रहने का विचार कर गेटमैन ने फाटक बंद नहीं किया लेकिन यहां से कुछइस और सवाल खड़े हुए जो आस पास के ग्रामीण लोग उठा रहे हैं कि अगर फाटक बंद नहीं था तो रेड सिग्नल देखकर भी ट्रेन क्यों नहीं रूकी । लोगों ने गेटमैन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। इसी को ध्यान में रखते हुए रेल मंडल ने एक जांच टीम का गठन कर दिया है।