झांसी। इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी के तत्वावधान में विश्व रेडक्रास दिवस बुंदेलखंड के झांसी में भव्यता से मनाया गया। जीवनशाह स्थित रेडक्रॉस भवन पर रेडक्रॉस झण्डा फहराया गया। संस्थापक सर जीन हेनरी डयूनेंट के चित्र पर माल्यार्पण कर नमन किया गया। अध्यक्षता चेयरमैन आचार्य डॉ हरिओम पाठक ने की।
सीएमओ कार्यालय में आयोजित संगोष्ठी में मुख्य अतिथि डॉ सुधाकर पांडेय सीएमओ ने देश की वर्तमान परिस्थितियों में रेडक्रॉस के कार्यों को मानवता की सेवा के लिए समर्पित बताते हुए सामाजिक सोच रखने वाले लोगों से सेवा कार्यों के लिए आगे आने का आव्हान किया। चेयरमैन डॉ आचार्य हरिओम पाठक ने कहा कि रेडक्रॉस न केवल राहत कार्यों का संचालन करती है, बल्कि समाज में सेवा, समर्पण एवं करुणा की भावना को जीवित रखती है। रक्तदान के लिए लोगों को प्रेरित किया जायेगा, क्योंकि युद्ध काल में रक्त का भरपूर संग्रह जरूरी है।
समिति के वाइस चेयरमैन डॉ सुदर्शन शिवहरे ने संगोष्ठी का आगाज करते हुए कहा कि रेडक्रॉस संस्थापक को पहला नोबेल शांति पुरस्कार सन 1901 में मिला था। इसके बाद रेडक्रॉस सोसाइटी को भी मानव सेवा कार्यों के लिए नोबेल शांति पुरस्कार मिल चुका है। विश्व का पहला ब्लड बैंक रेडक्रॉस ने अमेरिका में वर्ष 1937 में स्थापित किया। रेडक्रॉस के प्रांतीय प्रबंधकारिणी सदस्य डॉ मनमोहन मनु ने कहा कि इस वर्ष की थीम- “मानवता के पक्ष में” रखा गया है। यह हमें याद दिलाता है कि हमारा प्रत्येक प्रयास, प्रत्येक सेवा मानव कल्याण एवं गरिमा की रक्षा के लिए होना चाहिए। स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी डॉ विजयश्री शुक्ला ने युद्ध के साथ शांति काल में रेडक्रॉस के कार्यों पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर डॉ एन के जैन, विनोद शर्मा, आरपी गुप्ता, डॉ पीयूष नायक, डॉ सतीश चंद्र, डॉ विजयश्री शुक्ला, रवीश त्रिपाठी, डॉ महेंद्र, प्रमोद शिवहरे एडवोकेट, विष्णु जैन, राकेश मोहन मौर्य, अमरनाथ चौधरी आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन कोषाध्यक्ष डॉ मनमोहन मनु ने किया। आभार समाजसेवी डॉ जितेंद्र कुमार तिवारी ने व्यक्त किया।