झांसी 13 मई ।झांसी नगर निगम महापौर सीट पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की ओर उम्मीदवार के रूप में सामने आने बाद से ही परेशानियां झेल रहे बिहारी लाल आर्य पर झांसी की जनता ने कुछ ऐसा प्यार दिखाया कि उन्होंने 83548 से भी अधिक मतों से जीत हासिल की और उन्हें एक लाख 23 हजार 451मत हासिल हुए।
बिहारी लाल ने अपने प्रतिद्वंदी और दूसरे नंबर पर चल रहे कांग्रेस उम्मीदवार अरविंद श्रीवास को 83548 मतों से हराया। दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस उम्मीदवार को 39,903 मत हासिल हुए तीसरे नंबर पर रहे बसपा के भगवान दास फुले को 21,570 तथा सपा उम्मीदवार सतीश जतारिया को 21,029, आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार नरेश वर्मा को 5621 मत मिले जबकि बुंदेलखंड क्रांति दल के शिवदयाल को मात्र 1568 मतों से ही संतोष करना पडा।
इस बार जनता ने नोटा का बटन भी जमकर दबाया, जो निवर्तमान नगर निगम प्रशासन की ओर उनका गुस्सा दिखाता है। मतगणना
में साफ हुआ कि 2850 लोगों ने नोटा दबाकर हर उम्मीदवार को अस्वीकार किया। बुंदेलखंड क्रांति दल के उम्मीदवार को तो नोटा से भी कम मत मिले।
चुनाव से पहले , चुनाव के दौरान तथा उसके बाद भी भाजपा के उम्मीदवार का झांसी के बाहर से होने का मुद्दा राजनीतिक गलियारों में
बड़ा मुद्दा बना रहा। श्री आर्य को लेकर पार्टी के भीतर से लगातार उठ रहे विरोध और उसके तहत अनमने तरीके से ही पार्टी नेताओं की ओर से हो रहे काम को देखते हुए श्री आर्य की जीत को लेकर तमाम तरह के कयासों का बाजार गर्म रहा।
मतदान के बाद तो एक रात मतगणना स्थल के स्ट्रॉन्ग रूम की बत्ती चले जाने पर श्री आर्य के गुस्से और खीज से भरा वीडियो वायरल होने के साथ ही इन कयासों ने और मजबूती पकड़ी कि भाजपा उम्मीदवार को खुद अपनी जीत पर भरोसा नहीं है और इसी के चलते इस तरह की बौखलाहल, उनके व्यक्तित्तव में नजर आ रही है और हार के डर से वह बौखला रहे हैं हालांकि बाद में भाजपा उम्मीदवार ने इस वाक्या को लेकर अपना स्पष्टीकरण दिया लेकिन गहमागहमी आखिरी क्षणों तक बनी रही।
इस सारी गहमागहमी पर पूर्ण विराम आज सुबह से मतगणना के आगे बढ़ने के साथ ही आये रूझानों के बाद से लग गया और जैसे जैसे मतगणना अंतिम चक्रों की ओर बढ़ी यह साफ होने लगा कि श्री आर्य एक बड़ी जीत हासिल करने जा रहे हैं लेकिन किसी को भी इस बात का अंदाजा नहीं था कि यह जीत इतनी बड़ी होगी।
आखिरकार भाजपा उम्मीदवार बिहारी लाल आर्य ने पार्टी के भीतर और बाहर के सभी विरोधियों को चुनावी दंगल के हर मोर्चे पर पछाड़ते हुए
जीत हासिल की।
वैभव सिंह
बुंदेलखंड कनेक्शन