झांसी 13 सितंबर। बुंदेलखंड के झांसी जनपद में लोगों को मुफ्त बिजली मुहैया कराने के साथ साथ सौर ऊर्जा और सतत विकास के उद्देश्य से शुरू की गयी पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना की कछुआ चाल जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने कड़ा रूख अपनाते हुए पीओ नेडा न केवल वेतन रोक दिया बल्कि उनकी लचर कार्यप्रणाली पर स्पष्टीकरण भी मांगा।
यहां विकास भवन सभागार में शुक्रवार को जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने योजना की समीक्षा बैठक में जनपद में योजना के कार्यान्यवय में संबंधितों की लचर कार्यप्रणाली पर फटकार लगाते ए पीओ नेडा का वेतन रोके जाने का आदेश दिया साथ ही उनसे स्पष्टीकरण भी मांगा। बैठक में जिलाधिकारी ने उपस्थितों को बताया कि यह योजना सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने कहा कि इस योजना का अधिक से अधिक लाभ ऐसे गरीब उपभोक्ता को प्राप्त हो जो विद्युत बिल जमा करने में असमर्थ हों एवं जो अधिक विद्युत बिल जमा कर रहे हैं।
योजना का उद्देश्य देश में घरों को मुफ़्त बिजली उपलब्ध कराना है, जिसके तहत, घरों को बिजली स्थापित करने के लिए सब्सिडी दी जाएगी वह अपनी छतों पर सोलर पैनल लगवाएं। उन्होंने योजना की अब तक की सुस्त रफ्तार पर नाराजगी व्यक्त करते हुए उपस्थित विद्युत विभाग के मुख्य अभियंता एवं अधीक्षंण अभियंता की लचर कार्य शैली पर असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने विद्युत विभाग एवं पीओ नेडा को निर्देश दिया कि इस तरह से मिलकर काम करें कि लोगों को योजना का अधिक से अधिक लाभ दिया जा सके। लोगों से फोन से संपर्क कर आवेदन कराएं। ऐसे स्थान जहां लाइन लॉसेस अधिक है उनको भी लक्षित रखने के निर्देश दिए।
योजना का लक्ष्य जनपद सहित देश भर में एक करोड़ घरों की छतों पर सौर पैनल लगाना है, जिससे हर महीने 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली उपलब्ध कराई जा सके। इस पहल में लोगों के बैंक खातों में सीधे हस्तांतरित की जाने वाली पर्याप्त सब्सिडी शामिल है और वित्तीय बोझ को कम करने के लिए भारी रियायती बैंक ऋण प्रदान किए जाते हैं।
बैठक में उपस्थित वेन्डर्स ने विद्युत विभाग द्वारा सहयोग न किए जाने की शिकायत करते हुए कहा कि विभाग योजना अंतर्गत लाभार्थियों द्वारा किए गए आवेदनों को अनावश्यक रूप से लंबित रखा जाता है, जबकि समस्त प्रक्रिया ऑनलाइन पूरी की जानी है। इसके अतिरिक्त विभाग द्वारा सब्सिडी के संबंध में कोई भी कार्रवाई नहीं की जा रही। वेंडर्स ने बताया कि नेट मीटर टेस्टिंग के संबंध में भी विभाग द्वारा लगातार परेशान किया जा रहा है।
बैठक में परियोजना अधिकारी वैकल्पिक ऊर्जा वीरेन्द्र जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि जनपद को 50 हजार का लक्ष्य प्राप्त हुआ है, जिसके सापेक्ष अब तक 14930 लोगों ने पंजीकरण करा लिया है। पंजीकरण कराने वालों में 2411 ने आवेदन किया जिसकी कैपेसिटी 8300.05 किलोवाट है,अब तक 783 लाभार्थियों के यहां योजना अंतर्गत सौलर पैनल लगा दिए गए हैं जिसकी कैपेसिटी 2778.87 किलो वाट है।
उन्होंने बताया कि छत पर सौलर पैनल लगाना एकदीर्घकालिक निवेश है। 01 किलोवाट से 120 यूनिट तक बिजली पैदा हो सकती है और 03 किलोवाट के सोलर पैनल से कुल सालाना बचत 07 रुपये प्रति यूनिट पर 30,240 रुपये किया जा सकता है, हालांकि 03 किलोवाट पर लागत 02 लाख रुपये होती है और सब्सिडी के रूप में 78000 रुपये दिये जाते हैं तो ऐसे में 01.20 लाख रुपये का लागत पड़ती है।
वैभव सिंह
बुंदेलखंड कनेक्शन