झांसी । बुंदेलखंड के झांसी में शासन की मंशा के अनुरूप जिला प्रशासन ने उन सरकारी डॉक्टरों के लिए कड़े दिशा निर्देश जारी कर दिये हैं जो सरकारी डॉक्टर होने के बावजूद धड़ल्ले से प्राइवेट प्रैक्टिस में लगे हैं।
सरकारी चिकित्सकों और शिक्षक चिकित्सकों की प्राइवेट प्रैक्टिस के संबंध में आज कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी अविनाश कुमार की अध्यक्षता में एक बैठक का आयोजन किया गया।
बैठक में जिलाधिकारी ने जनपद के सभी चिकित्सालयों और स्वास्थ्य केन्द्रो में कार्यरत सभी सरकारी चिकित्सकों को निर्देश दिये कि उत्तर प्रदेश सरकारी डाक्टर (एलोपैथिक) प्राइवेट प्रैक्टिस पर निर्बन्धन नियमावली, 1983 का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित किया जाये। जिलाधिकारी ने जनपद स्तर पर गठित सतर्कता समिति की बैठक में चिकित्सको के प्राइवेट प्रैक्टिस से सम्बन्धित प्राप्त शिकायतों को नियमित रूप से सुने जाने और अन्य दण्डात्मक कार्यवाही के बारे में जानकारी दी।
जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद में कुल 177 राजकीय चिकित्सा शिक्षक/चिकित्सक कार्यरत हैं। यह सूची एलआईयू को उक्त आदेश के साथ उपलब्ध कराई गई है कि नियमित इन सभी की गोपनीय जांच की जाए।
सभी राजकीय चिकित्सा शिक्षकों / राजकीय चिकित्सकों से निजी प्रैक्टिस न करने का लिखित शपथ-पत्र पहले ही प्राप्त किया जा चुका है। यदि कोई राजकीय चिकित्सा शिक्षक एवं चिकित्सा विभाग के राजकीय चिकित्सक उत्तर प्रदेश सरकारी डाक्टर (एलोपैथिक) प्राइवेट प्रैक्टिस पर निर्बन्धन नियमावली, 1983 का उल्लघंन करता है और इसकी पुष्टि हो जाती है तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए अस्पताल और चिकित्सक का लाइसेंस निरस्त किया जाएगा। इसके साथ ही पूर्व में लिए गए प्रैक्टिस बंदी भत्ता भी उससे वसूला जाएगा।
बैठक में अपर जिलाधिकारी प्रशासन अरुण कुमार सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ़ सुधाकर पांडेय, महिला विभाग अधीक्षक डॉ़ राज नारायण, पुरुष विभाग के अधीक्षक डॉ़ पी के कटियार, प्रधानाचार्य मेडिकल कॉलेज डॉ़ मयंक सिंह, क्षेत्राधिकारी पुलिस रामवीर सिंह सहित निरीक्षक एलआईयू उपस्थित रहे। इस मौके पर डॉक्टर उत्सव राज पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट विशेष रूप से उपस्थित रहे।
वैभव सिंह
बुंदेलखंड कनेक्शन