झांसी। बुंदेलखंड के झांसी स्थित रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय के उद्यानिकी एवं वानिकी महाविद्यालय द्वारा एक विशेष पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक प्रेरक पहल था, बल्कि इसमें मातृ सम्मान और भावनात्मक जुड़ाव का सुंदर समावेश भी देखने को मिला।
कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अशोक कुमार सिंह द्वारा पौधारोपण कर किया गया। उन्होंने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि “प्रकृति हमारी मां समान है और जब हम अपनी जन्मदात्री माँ के सम्मान में एक वृक्ष लगाते हैं, तो हम धरती मां को भी सम्मान देते हैं। यह अभियान भावनात्मक चेतना के साथ-साथ पर्यावरणीय जिम्मेदारी का भी प्रतीक है।”
विशिष्ट अतिथि अधिष्ठाता डॉ. मनीष श्रीवास्तव ने कहा कि यह अभियान न केवल जलवायु परिवर्तन जैसी वैश्विक समस्या के समाधान में सहायक है, बल्कि यह जनसामान्य को प्रकृति से जोड़ने का एक सशक्त माध्यम भी है। वहीं वानिकी विभागाध्यक्ष डॉ. एम.जे. डोबरियाल ने वृक्षों की जैव विविधता एवं उनके सामाजिक-आर्थिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए पौधरोपण को मानव जीवन के लिए आवश्यक बताया।
कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारीगण, संकाय सदस्य, बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं एवं कर्मचारियों ने सहभागिता की। सभी ने मिलकर विविध प्रजातियों जैसे अमरूद, आंवला, नीम, पीपल, गुलमोहर, सहजन आदि के पौधों का सामूहिक रूप से रोपण किया। पौधों का चयन स्थानीय जलवायु एवं पारिस्थितिकी को ध्यान में रखते हुए किया गया।
कार्यक्रम के अंत में उपस्थित सभी प्रतिभागियों ने पर्यावरण संरक्षण, वृक्ष संवर्धन तथा नियमित देखभाल की शपथ ली। इस आयोजन ने यह संदेश दिया कि वृक्षारोपण केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि भावनात्मक कर्तव्य और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक हरित उपहार है।
यह कार्यक्रम “हरित भविष्य की ओर एक कदम” की संकल्पना को साकार करने की दिशा में विश्वविद्यालय की सक्रिय भूमिका को दर्शाता है।
वैभव सिंह
बुंदेलखंड कनेक्शन