झांसी 21 नवंबर । झांसी की मऊरानीपुर विधायक रश्मि आर्य के देवर हेमंत आर्य उफ हेमंत सेठ के खिलाफ अवैध रूप से जमीन हड़पने का एक मामला प्रकाश में आया है, जिसमें पीड़ित पक्ष ने हेमंत सेठ पर दबंगई दिखाते हुए उनकी जमीन कब्जाने का आरोप लगाया है।


पूरे मामले में रति अहिरवार और उनके परिजन अब प्रशासन के समक्ष न्याय की उम्मीद में गुहार लगा रहे हैं। पीड़िता ने कहा कि उनकी जमीन पर हेमंत सेठ कब्जा कर रहा है उसने वहां दीवार भी बना ली है। वह जब अपनी जमीन पर जाते हैं तो पुलिस बुलाने की और जान से मारने की धमकी भी दबंगों द्वारा दी जाती है। उन्होंने पुलिस और तहसील प्रशासन में पहले भी शिकायत दर्ज करायी लेकिन कहीं से कोई कार्रवाई नहीं हुई । इसके बाद पीड़ित पक्ष हाथों में तख्तियां लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचे और जिलाधिकारी से पूरे मामले में
न्याय की गुहार लगायी।

गौरतलब है कि विधायक के देवर होने के साथ साथ हेमंत सेठ खुद भी जिला पंचायत सदस्य हैं ।ऐसे मे सवाल उठता है कि जनता की सेवा का दावा कर सत्ता हासिल करने वाले नेता, जीत के बाद हनक दिखाकर यदि उसी जनता के शोषण में लग जाए तो आम जनता को न्याय कहां मिलेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ एक ओर भ्रष्टाचार और अवैध कब्जा करने वालों के खिलाफ कड़ाई से मोर्चा खोले हुए हैं तो दूसरी ओर उन्हीं के साथी निचले स्तर पर सत्ता हासिल करने के बाद प्रदेश सरकार की मुहिम और छवि दोनों को पलीता लगाने का काम कर रहे हैं।
ऐसे में सत्ताधारियों के खिलाफ प्रशासन भी काईवाई करने में या तो ढिलाई बरतता है या टाल मटोल का रवैया अपनाता है। पीड़ित की जमीन पर यही कब्जा यदि किसी साधारण व्यक्ति ने किया होता तो कार्रवाई तेजी से होती लेकिन मामले में सत्ताधारियों के शामिल होने से प्रशासन ढिलाई बरत रहा है।सत्ता में काबिज लोगों ही यदि दबंगई दिखाकर जनता के साथ अन्याया करने लगे तो तो पीड़ित को न्याय मिलने की संभावना काफी क्षीण हो जाती है और ऐसा ही कुछ झांसी के मऊरानीपुर में देखने को मिल रहा है जहां पीड़ित परिवार अपनी जमीन को बचाने के लिए तहसील से लेकर जिला प्रशासन के द्वार न्याय की उम्मीद में भटक रहा है।
वैभव सिंह
बुंदेलखंड कनेक्शन
