झांसी 30 सितंबर । वीरांगना नगरी झांसी स्थित बुंदेलखंड विश्वविद्यालय( बुंविवि) के 28वें दीक्षांत समारोह में कुल 61854 उपाधियां दी गईं तथा शोध विद्यार्थियों ने कुल 100 शोध उपाधियां प्राप्त की। इन सभी उपाधियों को डिजीलॉकर में अपलोड किया गया।
विश्वविद्यालय के गांधी सभागार में आयोजित दीक्षांत समारोह में मेधावी विद्यार्थियों को 34 कुलाधिपति पदक प्रदान किए गए, जिसमें 01 स्वर्ण पदक, 15 रजत पदक तथा 18 कांस्य पदक दिए गए। समारोह में 47 अन्य पदक भी प्रदान किए गए। इस समारोह में वर्चुअली जुड़ी प्रदेश की राज्यपाल और कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में संपन्न हुए दीक्षांत समारोह में वरिष्ठ अंतरिक्ष वैज्ञानिक श्री नीलेश देसाई को डीएससी की मानद उपाधि भी प्रदान की गई।
श्रीमती पटेल ने वर्चुअली विश्वविद्यालय परिसर में सेन्सेस डाटा रिसर्च वर्क स्टेशन,कैफेटेरिया व मृदा परीक्षण प्रयोगशाला का लोकार्पण एवं मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में पवेलियन एवं बाउण्ड्री वाल, फार्मेसी तथा अर्थशास्त्र विभाग के नए भवन व नवीन कम्प्यूटर केन्द्र का शिलान्यास किया गया।
समारोह में विश्वविद्यालय एवं जिला प्रशासन द्वारा 111 आंगनवाड़ी किट वितरण तथा कार्यक्रम में प्रतिभाग कर रहे उच्च प्राथमिक विद्यालय से आए 30 बच्चों को पठन-पाठन एवं पोषण सामग्री प्रदान की गई। समारोह में विश्वविद्यालय की दीक्षान्त पत्रिका अनिमेष तथा अन्य पत्रिकाओं का विमोचन भी किया गया।
समारोह को वर्चुअली सम्बोधित करते हुए कुलाधिपति ने उपाधि एवं पदक प्राप्त करने वाले सभी छात्र-छात्राओं को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि यह उनके जीवन का अहम मोड़ है, जहाँ से उनका ज्ञान देश और समाज के लिए समर्पित होगा। उन्होंने आजादी के पिचहत्तर साल बाद भारत में महिला सशक्तिकरण की दिशा में ठोस कार्यों के
सम्पादन का उल्लेख करते हुए हाल ही में ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम‘ पारित होने की विशेष चर्चा की। इस अधिनियम के माध्यम से लोकतंत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी। उन्होंने विद्यार्थियों से भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियों की भी चर्चा की। चन्द्रयान-3 की सफलता के पीछे हमारे वैज्ञानिकों का वर्षों का परिश्रम है।
शैक्षिक विकास में झांसी की उन्नति को लक्ष्य करते हुए कुलाधिपति ने उपाधि एवं पदक प्राप्तकर्ताओं को जागरूक रहने और वैश्विक स्तर पर पहचान बनाने के लिए प्रेरित किया।उन्होंने विश्वविद्यालय में आधुनिक सूचना एवं संचार तकनीकी के प्रयोग, कार्यकुशलता और प्रभावी कार्य प्रणाली की सराहना की। जल संरक्षण के महत्व पर चर्चा करते हुए विद्यार्थियों से कहा कि विश्व में पानी को आज सबसे महत्वपूर्ण संसाधन माना गया है।
उन्होंने कभी कम जलस्तर के लिए जाने गए बुंदेलखण्ड में सरकार के प्रयासों से बदली तस्वीर और लोगों में जल संचयन के लिए आई जागरूकता की ओर विद्यार्थियों का ध्यान आकृष्ट किया।उन्होंने समारोह में प्रतिभागियों को आगामी 02 अक्टूबर गांधी जयन्ती के उपलक्ष्य में देश व्यापी ‘स्वच्छता ही सेवा अभियान‘ से जुड़ने के लिए भी प्रेरित किया, जो कि 01 अक्टूबर को प्रातः 10 बजे से 01 घण्टे के लिए चलाया जायेगा। उन्होंने कहा कि स्वच्छता का ये कार्य ही गांधी जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो़ मुकेश पाण्डेय ने विश्वविद्यालय की एक वर्ष की उपलब्धियां की रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए कहा कि सभी के आशीर्वाद से बुंदेलखंड विश्वविद्यालय आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन की नई कहानी लिख रहा है। निश्चित ही आने वाले समय में विश्वविद्यालय उत्कृष्ट पहचान बना सकेगा। वर्तमान में बुंदेलखंड विश्वविद्यालय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा छात्र-संकाय अनुपात और प्रतिष्ठा के मामले में तेजी से सुधार कर रहा है। क्यु वर्ल्ड रैंकिंग के लिए उत्तर प्रदेश से बुंदेलखंड विश्वविद्यालय का भी चयन किया गया है। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय का फार्मेसी संस्थान नीर्फ की 100 रैंकिंग के अंदर है। नैक के चौथे चक्र के लिए पीयर टीम को स्वागत करने के लिए विश्वविद्यालय प्रतीक्षारत है।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के अनेक विभागों द्वारा वर्कशॉप,सेमिनार, फेकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम,योगा प्रोग्राम्स, इनवाइटेड टॉक्स, स्किल डेवलपमेंट, अटल लेक्चर श्रृंखला आयोजित की जा रही है।वर्ष 2022-23 में विश्वविद्यालय में सर्वाधिक प्रवेश हुए हैं। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत इंट्रडिसीप्लिनरी, ट्रांसडिसीप्लिनरी, मल्टीप्ल डिसीप्लिनरी शिक्षा प्रदान की जा रही है।
विश्वविद्यालय में टेक्नोलॉजी इनेबलिंग सेंटर, इनक्यूबेशन सेंटर मीडिया लैब संचालित की जा रही है। गुणवत्तापूर्ण 5000 से ज्यादा ई कंटेंट छात्रों की सहायता के लिए वेबसाइट पर उपलब्ध है।
विगत कुछ समय के अंतर्गत 125 संस्थाओं के साथ एमओयू जिसमें से 25 अंतरराष्ट्रीय स्तर के हैं साथ ही 7 अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी एवं 37 राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई है। शिक्षकों को शोध हेतु 20 लाख रुपए 19 अनुसंधान परियोजनाओं हेतु प्रदान किए गए हैं। विश्वविद्यालय शैक्षणिक गतिविधियों के साथ ही उन्नत भारत अभियान, महिला अध्ययन केंद्र, समाज कार्य विभाग, सॉयल टेस्टिंग लैब आदि के माध्यम से सामाजिक कार्य कर रहा है।
समारोह के मुख्य अतिथि अध्यक्ष इण्डियन नेशनल साइंस अकादमी प्रो़ आशुतोष शर्मा ने कहा कि आत्मविश्वास उत्कृष्टता और सफलता की तरफ ले जाते हैं। शोधकर्ताओं में वैज्ञानिक सोच होनी चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि जीवन को समृद्ध बनाने हेतु परिवर्तनकारी व जोखिम लेने वाले बनें। उन्होंने कहा कि भविष्य उनका है जो जीवन की विविधता को समझ कर उसका समुचित मूल्यांकन कर लाभ उठाते हैं।
विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा राज्यमंत्री रजनी तिवारी ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि डिग्रियां हासिल करने के बाद परिवार, समाज एवं देश के विकास में योगदान दें।
विशिष्ट अतिथि एवं अंतरिक्ष वैज्ञानिक नीलेश देसाई ने विद्यार्थियों को प्राप्त उपाधि और पदक को एक मूल्यवान संपत्ति बताया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों द्वारा विदेशी भाषाओं सहित यथासंभव अधिक से अधिक भाषओं को सीखने का प्रयास करें।
इस अवसर पर समारोह में वर्चुअली जुड़े उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय, स्थानीय अतिथिगण, जनप्रतिनिधि, कार्यपरिषद एवं विद्या परिषद के सदस्यगण, अधिकारी एवं शिक्षकगण तथा विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।
वैभव सिंह
बुंदेलखंड कनेक्शन