जी-20 में भारत की चमक

जी-20 में भारत की चमक ,दुनिया ने सुनी धमक

नयी दिल्ली 10 सितंबर । जी -20 की अध्यक्षता कर रहे भारत की ओर  दुनिया जिस भरोसे और उम्मीद से देख रही थी, उस भरोसे को बनाये रखते और कठिन हालातों में भी पूरी शिद्दत से काम करते हुए भारत को एक बड़ी कूटनीतिक सफलता  तब मिली जब “ जी-20 लीडर्स घोषणा पत्र” को सभी आगंतुक राष्ट्राध्यक्षों ने मंजूरी दी।

जी-20 लीडर्स घोषणा पत्र

जी-20 लीडर्स घोषणापत्र , भारत की बहुत बड़ी कामयाबी है। जैसे चुनौतीपूर्ण  हालात में भारत को इस बेहद महत्वपूर्ण सम्मेलन की अध्यक्षता मिली,उसमें देश ने अपनी काबीलियत पूरी तरह से दिखायी है। इस पूरी कवायद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ लगी पूरी टीम ने ऐसी कूटनीतिक कुशलता दिखायी कि जिस सम्मेलन में एक सांझा बयान जारी हो पाना दूर की कौड़ी नजर आ रहा था,उसी सम्मेलन में  एक नहीं दो नहीं बल्कि पूरे 112 मुद्दों पर सभी देशों के बीच सहमति बनी है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण है कि किसी एक भी मुद्दे पर किसी देश ने कोई न नुकर  नहीं की। यह घोषणापत्र शत प्रतिशत आम सहमति के बाद स्वीकार किया गया है।संगठन का अब तक सबसे व्यापक,  37 पन्नों का घोषणापत्र है “ नयी दिल्ली घोषणापत्र’।

एक धरती, एक परिवार और एक भविष्य के तीन आधार पर सत्रों में बंटे इस सम्मेलन के पहले सत्र एक धरती के समापन के साथ और दूसरे सत्र के प्रारंभ होने से पहले ही  घोषणापत्र पर सहमति की घोषणा और भी बड़ी कामयाबी है ।

पहले ही सत्र में भारत की विशेषज्ञों,नेताओं और कूटनीतिज्ञों की टीम पूरी दुनिया के नुमाइंदों को  एकमत करने में कामयाब रही और यह सहमति जिन 112 मुद्दों पर बनी है उसमें राजनीति,पर्यावरण,खाद्य सुरक्षा और जियो-पॉलिटिकल मुद्दे, , आतंकवाद से निपटने पर सहमति, मनी लाँड्रिंग के खिलाफ सहमति आदि विषय शामिल है।

अफ्रीकी संघ बना जी-20 का स्थायी सदस्य

दिल्ली सम्मेलन की एक और बड़ी कामयाबी अफ्रीकी संघ को जी-20 के स्थायी सदस्य के रूप में शामिल किया जाना है। बाली सम्मेलन में भी अफ्रीकी संघ के देशों ने संगठन में अफ्रीकी मुल्कों का प्रतिनिधित्व न होने को लेकर शिकायत की थी और प्रधानमंत्री मोदी ने तब वादा किया था  भारत की अध्यक्षता में यह काम किया जायेगा और उन्होंने अपना वादा निभाया । सम्मेलन के शुरू होने से पहले अफ्रीकी संघ को संगठन के स्थायी सदस्य के रूप में शामिल किये जाने की घोषणा की।इसी के साथ अब यह संगठन जी-20 नहीं बल्कि जी -21 के नाम से जाना जायेगा।

ऐसे चुनौती पूर्ण हालात में जब दुनिया भर में इतना अविश्वास है अधिकतर मुल्क एक दूसरे के खिलाफ हैं ऐसे में धुरविरोधियों जैसे रूस चीन के साथ अमेरिका को एक मंच पर लाना और उनके बीच सहमति बनाना बहुत बड़ी सफलता है। आज भारत का दर्जा वैश्विक चुनौतियों को हल करने में एक “ मध्यस्थ राष्ट्र” के रूप में बहुत बढ़ गया है।

भारत की लीडशिप  देश और दुनिया में मजबूत हुई है।वसुधैव कुटुंबकम की भावना के साथ अकेले चले थे और आज पूरी दुनिया को जोड़ लिया। एक धरती थी और घोषणापत्र के बाद एक परिवार हो गया और एक भविष्य की नींव रख दी गयी। बिखरे हुए विश्व को संभालने की क्षमता भारत की वर्तमान लीडरशिप में है यह दुनिया ने आज माना है।

गौरतलब है कि वैश्विक अर्थव्यस्था में करीब 80 फीसदी से अधिक का प्रतिनिधित्व करने वाले समूह जी20 के शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता करना बेहद गौरवपूर्ण है।भारत इसकी 18वीं बैठक की मेज़बानी कर रहा है। जी-20 को सबसे बड़ा वैश्विक संगठन माना जाता है।

टीम, वैभव सिह

बुंदेलखंड कनेक्शन

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