झांसी 29 जून । देश के लोकतांत्रिक इतिहास में काला अध्याय के रूप में जाना जाने वाला आपातकाल (इमरजेंसी) के साक्षी और उस दौर की प्रताड़ना व झंझावात झेलने वाले लोकतंत्र सेनानी और वरिष्ठ पत्रकार रामसेवक अड़जरिया ने उनको सम्मानित करने वाले प्रत्येक व्यक्ति और संगठन का धन्यवाद देते हुए कहा है कि यह उनका नहीं बल्कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए किये गये उनके संघर्ष, का सम्मान है।
लोकतंत्र सेनानी श्री अड़जरिया का विभिन्न संगठनों यथा राष्ट्रीय हिंदू जागृति मंच के तत्वाधान में झांसी जिला न्यायालय परिसर में स्थित एड़ प्रीति संज्ञा के चेंबर में सम्मान किया गया । इस मौके पर जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष चंद्र शेखर शुक्ला , पूर्व मंत्री रतनलाल अहिरवार और मनोजसंज्ञा समेत कई अधिवक्ता मौजूद रहे। लोकतंत्र के इस सेनानी का पत्रकार जगत से विशेष जुड़ाव होने के कारण पत्रकारों व उनके संगठनों ने भी सम्मान किया। उड़ान संस्था की अध्यक्ष सीमा तिवारी ने भी श्री अड़जरिया का न्यायालय परिसर में सम्मान किया।
इसी क्रम में संघर्ष सेवा समिति ने भी कार्यालय पर लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष करने वाले श्री अडजरिया को सम्मानित किया। समिति के अध्यक्ष डॉ़ संदीप सरावगी ने उन्हें शॉल और स्मृति चिंह भेंट कर सम्मानित किया साथ ही कहा कि देश में लोकतंत्र की रक्षार्थ संघर्ष करने वाले श्री अड़जरिया जी के सम्मान का यह क्षण हम सभी को गौरवांवित करने वाला है। उनके मार्गदर्शन में हमें भी निडर होकर सही के साथ खड़े रहने का बल मिलेगा।
इस अवसर पर श्री अड़जरिया ने उन सभी लोगों और संगठनों का धन्यवाद दिया। श्री अड़जरिया ने विशेष रूप से सीमा जी का धन्यवाद दिया जो अपनी दिव्यांगता की परवाह किए बिना उनके संघर्ष को सम्मान देने न्यायालय परिसर तक पहुंची।
श्री अड़जरिया ने उन सभी का धन्यवाद दिया जिन्होंने देश में संविधान प्रदत्त आजादी का गला दबाने के कुत्सित प्रयास अर्थात इमरजेंसी काल में उनके द्वारा किये गये संघर्ष को समझा और उस संघर्ष को सम्मान दिया। उन्होंने कहा कि गलत के खिलाफ संघर्ष बेहद जरूरी है । आज समाज में कुछ अलग ही तरह की कुरीतियां व्याप्त हैं और उनके खिलाफ भी एक जागृत संघर्ष की दरकार है। मैं उम्मीद करता हूं मेरे संघर्ष को पहचाने वाले लोग इन कुरीतियों के खिलाफ भी संघर्ष शुरू करेगे।
वैभव सिंह
बुंदेलखंड कनेक्शन