जालौन 28 मई। बुंदेलखंड के जनपद जालौन उरई मुख्यालय पर संस्कार भारती जालौन व इन्टैक उरई अध्याय के संयुक्त तत्वावधान में हस्त शिल्प द्वारा श्रीगणेश के चित्र बनाने की त्रिदिवसीय कार्यशाला रविवार को सम्पन्न हुई।

यहां चूडी वाली गली स्थित सन्ध्या पुरवार के निज निवास पर हस्त शिल्प द्वारा श्रीगणेश के चित्र बनाने की त्रिदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया । इस कार्यशाला का शुभारम्भ 25 मई को हुआ और समापन आज हुआ। मुख्य अतिथि भाजपा महिला मोर्चा की महामंत्री प्रीती हरिकिशोर गुप्ता ने सर्व प्रथम श्रीगणेश जी महाराज के समक्ष दीप प्रज्वलित किया तथा पुष्प अर्पित किये।
इस अवसर पर श्रीमती गुप्ता ने बच्चों को उद्बोधित करते हुये कहा कि सभी बच्चे आज से यह संकल्प लें कि वे प्रतिदिन अपनी माताश्री( मम्मीजी) अपनी प्रतिदिन की दिनचर्या के विषय में अवश्य बात किया करें क्योंकि उनकी माताजी उनकी सबसे अच्छी मित्र हैं व सदैव ही उनके शुभाशुभ की कामना करतीं हैं।

कार्यशाला के दौरान संस्कार भारती जालौन की अध्यक्षा कु0 रसना तिवारी ने कहा कि ऐसी कार्यशालाओं से बच्चों में क्रियेटिविटी का विकास होता है।मंत्री महोदया अमृता सक्सेना ने सभी बच्चों का उत्साह वर्धन करते हुये कहा कि बच्चे लोग जितना अधिक से अधिक कोकैरीकुलर ऐक्टिविटी में भाग लेंगे, उनका उतना ही मानसिक एवं व्यक्तित्व का विकास होगा।
इस कार्यशाला में पुराने विवाह के निमन्त्रण पत्रों आदि से श्रीगणेश जी के चित्र बनाने का प्रशिक्षण श्रीमती सन्ध्या पुरवार व डा0 हरी मोहन पुरवार ने दिया। कार्यशाला में 20 बच्चों ने भाग लिया।

कार्यशाला के प्रशिक्षक डा. हरी मोहन पुरवार ने सर्व प्रथम श्रीगणेश के स्वरूप का सामाजिक महात्व बतलाते हुये कहा कि जैसे श्रीगणेश जी का स्वरूप ठगना है, उसी भांति समाज में सभी को छोटे बनकर एक दूसरे के साथ रहना चाहिये। उन्होंने आगे बतलाया कि श्रीगणेश जी के क्रिया कलापों से यह स्पष्ट है कि उनके लिये , उनके माता पिता से बढकर कोई और नहीं है। यह बात हम सभी को भी समझना चाहिए कि हमारे माता पिता हमारे लिये सर्व प्रथम प्रथम पूज्य हैं।
कार्यशाला के अन्त में मुख्य अतिथि श्रीमती गुप्ता ने सभी बच्चों को अपनी ओर से किटकैट टाफी खिलाई व सभी को संस्कार भारती की ओर से भव्य प्रमाण पत्र प्रदान किये।
कार्यशाला में संस्कार भारती जालौन के संरक्षक डा0 एस पी बुधौलिया, मेवालाल गुप्ता मामा,उपाध्यक्षा श्रीमती डा. सविता सिन्दूर, निकहत करीम,नाट्य विधा प्रमुख ज्ञानेन्द्र कुमार , लक्ष्मण दास बाबानी, प्रमुख राधा पाण्डे,कोषाध्यक्ष सुधाकर गौतम के साथ साथ दक्षा गुप्ता, नरेश कुमार तरसौलिया, डा0 विनय पाण्डे , प्रियन्का अग्रवाल आदि का विशेष योगदान रहा।
अनिल, वैभव सिंह
बुंदेलखंड कनेक्शन