जानलेवा हमले में सात वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदंड

/

झांसी। झांसी के  अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय कक्ष सं०-4 नीतू यादव की अदालत में जानलेवा हमले का आरोप सिद्ध होने पर एक अभियुक्त को सात वर्ष के सश्रम कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया गया।

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ज्ञान स्वरूप (पिंटू) राजपूत के अनुसार ग्राम धौरा, थाना मऊरानीपुर निवासी वादी मुकदमा अजय कुमार पुत्र रमेश अहिरवार ने तहरीर देते हुए बताया था कि 08 मई 2015 को उसके गांव धौर्रा से पप्पू अहिरवार की लड़की पूजा की पक्यात में ग्राम पठगुवां थाना- कटेरा के सुरेन्द्र पुत्र गौरीशंकर के यहां पक्यात देने गये थे। रात 2 बजे के करीब तिलक हो रहा था  जिसमें पठगुवाँ और धौर्रा के कई लोग मौजूद थे। वह भी लड़की पक्ष की तरफ से गया था। तभी पीछे बैठे ग्राम पठगुवां के रतिराम पुत्र प्यारेलाल ने तमंचा निकाला, अचानक फायर हो गया जो अजय के बायें कंधे से आर-पार निकल कर उसके पास बैठे अच्छे लाल के सिर से लगते हुए निकल गई थी।

उसके बाद वह दोनों किशन पुत्र रामनाथ यादव, कल्लू यादव पुत्र मुलायम यादव व पप्पू पुत्र खट्टे अहिरवार आदि को लेकर सरकारी अस्पताल बंगरा गये। बंगरा में डाक्टरों ने झांसी के लिये रिफर कर दिया था। फिर दोनों ने मेडिकल कालेज में जाकर इलाज कराया। वादी मुकदमा की तहरीर के आधार पर अभियुक्त रतिराम के विरूद्ध 338 भा०दं०सं० के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई।

विवेचना के उपरांत साक्ष्य एवं वादी मुकदमा की चिकित्सीय आख्या के आधार पर अभियुक्त रतिराम के विरूद्ध धारा-338 भा०दं०सं० को परिवर्तित करते हुए धारा-307 में आरोपपत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया।जहां अभियुक्त रति राम पुत्र प्यारेलाल अहिरवार को धारा 307 भा०द०स० के दोषसिद्ध आरोप के अंतर्गत सात वर्ष के सश्रम कारावास एवं दस हजार रूपये के अर्थदण्ड ,अदा न करने पर तीन माह के
अतिरिक्त कारावास की सज़ा सुनाई गई।

वैभव सिंह

बुंदेलखंड कनेक्शन

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Previous Story

ललितपुर: पोती को ढूंढ़ने आये वृद्ध की ट्रेन की चपेट में आने से मौत

Next Story

दुनिया का सबसे बुद्धिमान, जलाकर अपना आशियाना, यहां वहां ढूंढ रहा है ठिकाना

Latest from Jhansi

आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा के आपत्तिजनक बयान पर भड़के झांसी के ब्राह्मण समाज ने सौंपा ज्ञापन

झांसी। राष्ट्रीय ब्राह्मण महासंघ की झांसी इकाई ने आईएएस अधिकारी संतोष वर्मा के ब्राह्मण कन्याओं को