विश्व विरासत दिवस

विश्व विरासत दिवस पर झांसी के आला अधिकारियों ने हेरिटेज वॉक में किया प्रतिभाग

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झांसी 18 अप्रैल । विश्व धरोहर दिवस के अवसर पर आज जिले के आला अधिकारियों ने हेरिटेज वॉक में हिस्सा लिया और लोगों को
ऐतिहासिक धरोहरों को संरक्षित किये जाने का संदेश दिया।

विश्व धरोहर दिवस के अवसर पर मंडलायुक्त  डॉक्टर आदर्श सिंह, जिलाधिकारी श्री रविंद्र कुमार,    एसएसपी श्री राजेश एस एवं नगर आयुक्त श्री पुलकित गर्ग आदि  द्वारा झांसी नगर में स्थित धरोहरों सिमेट्री मेमोरियल, मढ़िया महादेव मंदिर, सैंयर गेट, रानी महल से होकर चर्च के मध्य हेरिटेज वाक में प्रतिभाग किया गया एवं जनपदवासियों को ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित किए जाने का संदेश दिया गया।

विश्व विरासत दिवस

मंडलायुक्त डॉक्टर आदर्श सिंह ने बताया कि हर साल की तरह इस साल भी पूरी दुनिया में आज यानी 18 अप्रैल को विश्व धरोहर दिवस’
के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने विश्व धरोहर दिवस मनाने का उद्देश्य की जानकारी देते हुए बताया कि युनेस्को विश्व विरासत स्थल ऐसे विशेष स्थानों  (जैसे वन क्षेत्र, पर्वत, झील,मरुस्थल, स्मारक, भवन, या शहर इत्यादि) को कहा जाता है,जो विश्व विरासत स्थल समिति द्वारा चयनित होते हैं ;और यही समिति इन स्थलों की देखरेख युनेस्को के तत्वाधान में करती है।

जिलाधिकारी श्री रविंद्र कुमार ने कहा कि विश्व धरोहर दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य यह है कि पूरे विश्व में मानव सभ्यता से जुड़े ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों के महत्त्व,उनके अस्तित्व के सम्भावित खतरों व उनके संरक्षण के प्रति जागरूकता लाई जा सके, इसी के दृष्टिगत विश्व धरोहर दिवस पूरे दुनिया भर में हर साल 18 अप्रैल को मनाया जाता है।  इसका उद्देश्य मानव विरासत को संरक्षित करना और क्षेत्र के सभी प्रासंगिक संगठनों के प्रयासों को पहचानना है।

विश्व विरासत दिवस

जिलाधिकारी  ने बताया कि दुनियाभर में विश्व धरोहर दिवस 18 अप्रैल के दिन मनाया जाता है  विश्व की बेशकीमती धरोहरों एवं स्मारकों को संजोए रखना एवं इनकी रक्षा करना ही इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य है।  किसी भी देश की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को जाननेे के लिये उस देश की स्मारकों के इतिहास को जानना अति आवश्यक होता है।  इन्हीं से हमें ज्ञात होता है कि उस देश का इतिहास कितना प्राचीन और समृद्ध है। उन्होंने कहा कि भारत में विश्व धरोहर स्थलों की कुल संख्या 40 हो गई।

उन्होंने इन स्मारकों के आस- पास होने वाले निर्माण और अन्य प्रक्रियाओं पर चिंता जताते हुए कहा,‘इमारत के आसपास 100 मीटर के दायरे को पहले प्रतिबंधित क्षेत्र माना जाता था. अगर ये नया संशोधन लागू हुआ तो इन इमारतों के आस-पास और तरह-तरह की इमारतें बनाई जाएंगी। ऐतिहासिक स्मारकों और पुरातात्विक अवशेष पर कम्पन, रासायनिक प्रभाव या फिर यांत्रिक तनाव का सबसे जल्दी और सबसे ज़्यादा असर होता है. कई जगहों पर इन इमारतों के प्रतिबंधित इलाके के दायरे में खुदे हुए  अवशेष भी होते हैं जो भविष्य में अनुसंधान और खोज के लिए ज़रूरी होते हैं, ये इमारतें, ये ऐतिहासिक स्थल न सिर्फ हमारे देश के गौरवशाली  इतिहास के प्रतीक हैं बल्कि पूरे विश्व की धरोहर हैं और हमें इन सांस्कृतिक सम्पदाओं को बचाना, संरक्षित करना बेहद ज़रूरी है।

विश्व विरासत दिवस

नगर में विश्व धरोहर दिवस के अवसर पर हेरिटेज वॉक में विभिन्न स्कूलों के बच्चों सहित अनेक संगठन ने भी प्रतिभा किया और
इस दौरान हाथों में बैनर और पोस्टर लेकर जनपद वासियों को विश्व धरोहर को संरक्षित करने की अपील की।

इस मौके पर डॉ इज़हार आलम हाशमी अधीक्षण पुरातत्वविद,  अभिषेक कुमार एएसआई सहित अन्य अधिकारी बड़ी संख्या में
स्कूली बच्चे सामाजिक संगठन के पदाधिकारी उपस्थित रहे।

वैभव सिंह

बुंदेलखंड कनेक्शन

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