तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि

तेज हवाओं के साथ बारिश और ओलावृष्टि से खेतों में खड़ी फसल हुई चौपट

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झांसी 20 मार्च । झांसी जिले में आज तेज हवाओं के साथ बारिश और ओलावृष्टि के कारण किसानों की खेतों में खड़ी फसल  जमीन पर बिछ गयी।
     सुबह से आसमान में छाये बादल दोपहर में घनघोर घटाओ में बदल गये और गर्जन तर्जन के साथ तेज हवाओं के बीच आयी तेज बारिश और  ओलावृष्टि ने महानगर के साथ आस आस पास के ग्रामीण इलाकों में प्रभाव दिखाया। राजगढ, बिजौली, हसांरी के साथ रक्सा और बबीना क्षेत्र में ओलावृष्टि ने फसल को चाैपट कर दिया। रक्सा क्षेत्र के राजापुर,थाडी, इमलिया, बिदौरा,बल्लमपुर, सुजवाहा, डांगरी और बरूआपुर गांव में तेज हवाओं के बाद बारिश और ओलावृष्टि की सूचना है साथ ही यहां 60 से 70 प्रतिशत तक फसल नुकसान की भी आशंका है।
तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि
     पिछले तीन चार दिनों से रूक रूक कर अलग अलग क्षेत्रों मे हो रही बारिश के कारण गेंहू, चना और राई की फसल को बड़े नुकसान की आशंका है। ककरबई, गरौठा, गुरसराय और मऊरानीपुर क्षेत्र में तेज हवाओं के साथ बारिश ने खड़ी फसल को जमीन पर बिछा दिया है।
    जिला कृषि अधिकारी कमलेश कुमार सिंह ने बताया कि खराब मौसम का खराब असर फसल पर पड़ा है। अभी तक जिले में औसतन 20 से 30 प्रतिशत के नुकसान की फिलहाल जानकारी मिल रही है हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि अभी फसल को हुए नुकसान को लेकर पूरे और स्पष्ट आंकडे नहीं हैं। वह लगातार अलग अलग क्षेत्रों में जाकर नुकसान का जायजा ले रहे हैं ।
     श्री सिंह ने बताया कि जिले के किसानो के लिए विभाग की ओर से टोल फ्री नंबर 1800-889-6868 जारी किया गया है जिस पर वह फसल को हुए नुकसान की जानकारी दे सकते हैं।
     जिले में बदले मौसम के कारण फसल को नुकसान की आशंका लगातार बढ़ रही है। बीते रोज चिरगांव, बडागांव पालर सहित छह से अधिक गांवो में तेजबारिश और कहीं कहीं ओलावृष्टि की भी सूचनाएं मिलीं थीं।
तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि
      किसान नेता गौरी शंकर बिदुआ ने कहा कि 2004 से बुंदेलखंड का किसान लगातार दोनों फसलें (रबी और खरीफ) कभी नहीं उठा पाया है कभी रबी की फसल पर मौसम की मार हो जाती है तो कभी खरीफ की फसल मौसम की भेंट चढ़ जाती है । ऐसे में कर्ज लेकर फसल बोने वाले किसानों के सामने अपने जीवनयापन को लेकर समस्या तो खड़ी होती ही है साथ ही कर्ज को चुकाना एक बड़ा सवाल बन जाता है। इस पर फसल बरबाद होने पर बीमा कंपनियों से मदद न मिल पाने के कारण किसान के लिए कोढ़ में खाज की स्थिति बन जाती है।
     मौसम की मार से बरबाद हुए किसान एक ओर प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं तो दूसरी ओर प्रशासन हर संभव मदद का आश्वासन दे रहा है लेकिन इस बीच मौसम विभाग के दो तीन दिन और मौसम इसी तरह का बना रहने  की चेतावनी के कारण किसानों की नींद और चैन उड़ा हुआ है।
वैभव सिंह
बुंदेलखंड कनेक्शन

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