बुजुर्गों की स्वास्थ्य देखभाल

सीएचओ को दी गयी बुर्जुगों की स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर अहम जानकारी

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झांसी 15 फरवरी । केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मिलकर आयुष्मान भारत के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं में और विशेष रूप से बुर्जुगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने में व्यापक सुधार के लिए हैल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर तैनात स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ) को आज ऑनलाइन सेमीनार के माध्यम से जरूरी जानकारी मुहैया करायी गयी।

बुजुर्गों की स्वास्थ्य देखभाल

 हैल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर पर तैनात सी.एच.ओ. के ज्ञानवर्धन के लिये एन एच एम ईको प्लेटफार्म के माध्यम से आयोजित ऑनलाइन सेमिनार में जिला चिकित्सालय झांसी वरिष्ठ फिजिशियन डा. डी एस गुप्ता ने “बुजुर्गों की स्वास्थ्य देखभाल” विषय पर व्याख्यान देते हुए बताया कि 60 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग व्यक्तियों को स्वास्थ्य देखभाल की जरूरत बढ़ जाती है। वृद्धावस्था की कुछ ऐसी स्वास्थ्य समस्याएँ हैं जिनके समुचित देखभाल व उपचार से उनसे निपटा जा सकता है।

 उन्होंने बताया कि सामान्य तौर पर स्वास्थ संबंधी समस्याएं में गुर्दे संबंधी समस्याएं, जोड़ों के दर्द, सांस संबंधित, नेत्र रोग व अन्य कुछ ऐसी अवस्थाएं होती हैं इनसे बुजुर्गों को सामना करना पड़ता है इनकी उपचार के लिए जिला चिकित्सालय में अलग से एक ओपीडी संचालित है तथा जिरियाट्रिक वार्ड भी संचालित है जिसका लाभ उठाया जा सकता है। डॉ गुप्ता ने सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा पूछे गए अनेक प्रश्नों और जिज्ञासाओं को शांत किया।

सेमिनार में सम्बोधित करते हुये मण्डलीय परियोजना प्रबंधक, एन.एच.एम./सिफ्सा आनंद चौबे ने बताया कि झांसी मण्डल के सभी हैल्थ एण्ड वेलनेस सेन्टर पर तैनात सी.एच.ओ. वृद्धावस्था संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं की पहचान कर उपचार का प्रबंध करते हैं साथ ही निरंतर मरीज को फॉलोअप सेवाएं भी दी जाती हैं। इसके साथ ही बुजुर्गों को विशिष्ट स्वास्थ्य समस्याओं के लिये ऑनलाइन ओ.पी.डी. के माध्यम से विशेषज्ञों से परामर्श की व्यवस्था भी की गयी है ताकि ग्रामीण स्तर पर लोगों को आसानी से ये सेवाएं मिल सकें।

बुज़ुर्गों के लिए हेल्थ टिप्स

सेमिनार में बुर्जुगों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए टिप्स भी दी गयी। बताया गया कि  बुजुर्गों को छोटे छोटे समयांतराल पर भोजन दें और खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता का मूल्यांकन अवश्य करें। बुर्जुगों की पसंद और जरूरत के हिसाब से खाने की कंसिस्टेंसी में बदलाव करें। उनकी जरूरतों पर विचार करें ,जबरन न खिलाएं ,तला -भुना और मसालेदार साथ ही रेड मीट या जानवरों की चर्बी युक्त भोजन देने से बचें। आरामदायक माहौल में सुकून से उन्हें भोजन परोसें। हल्का व्यायाम करें या भोजन से पहले टहलने को प्रोत्साहित करें। बुजुर्गों को पर्याप्त दंत मौखिक स्वास्थ्य के लिए प्रोत्साहित करें।

सेमिनार के दौरान अनेक सी.एच.ओ. अंकित, नागेश पांडेय, निकिता, देवेन्द्र आदि ने प्रश्नों के माध्यम से अपनी जिज्ञासाओं का समाधान पाया।

सेमिनार के दौरान मण्डल के सुनील सोनी, मो. अतीब खाँन, जयप्रकाश आदि उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में झांसी, जालौन व ललितपुर के लगभग 200 से अधिक सीएचओ ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन डी.सी.पी.एम. प्रशांत वर्मा ने किया।

वैभव सिंह

बुंदेलखंड कनेक्शन

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