झांसी 24 दिसंबर। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय की राज्य परिवार नियोजन सेवा अभिनवीकरण परियोजना एजेंसी की झांसी इकाई “ गर्भवती महिलाओं में पोषण ” विषय पर आयोजित कार्यशाला में मुख्य अतिथि डॉ़ प्रतिभा आर्या ने भोजन और स्वास्थ्य के बीच गहरे संबंध को रेखांकित किया।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए गृह विज्ञान विभाग को समन्वयक डॉ. प्रतिभा आर्या ने कहा “ भोजन का स्वास्थ्य के साथ बहुत ही गहरा संबंध होता है। कहा गया है कि जैसा खाएंगे अन्न वैसा होगा मन। इसलिए हम क्या भोजन करते हैं और किस मानसिक अवस्था में करते हैं इसका प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है।”
डॉ. आर्या ने कहा कि हर व्यक्ति के भोजन की आवश्यकता अलग- अलग होती है। इसको निर्धारित करना हमारे काम और शारीरिक श्रम पर निर्भर करता है। गर्भवती महिलाओं के पोषण के विषय में डॉ. आर्या ने बताया कि गर्भावस्था बहुत ही महत्वपूर्ण समय होता है। इस अवस्था में भोजन की संतुलित मात्रा और पोषण युक्त भोजन बहुत आवश्यक है।
समापन सत्र की अध्यक्षता करते हुए बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी के कुलानुशासक प्रो. आर. के. सैनी ने कहा कि कार्यशाला का आयोजन भले ही विश्वविद्यालय परिसर में किया जा रहा है लेकिन इसका उद्देश्य ग्रामीण स्तर तक पहुंचना है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थी अपने घरों में, अपने गांव में जाकर यहां दो दिनों में बताई गई बातों को पहुंचाने का काम करें। इससे सूचना अपने निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त कर सकेगी और इसका फायदा समाज को होगा। उन्होंने कहा कि दो दिन कार्यशाला में स्वास्थ्य के विविध विषयों पर चर्चा हुई अब विद्यार्थी अपने समाज अपने घर इसकी चर्चा करें।
सिफ्सा की नोडल अधिकारी डॉ. श्वेता पाण्डेय ने बताया सिफ्सा के द्वारा यह दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन स्वयंसेवकों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है। उन्होंने बताया कि स्वयंसेवक ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर लोगों को जागरूक करने का काम करते हैं इसलिए उन्हें कार्यशाला के माध्यम से जानकारी दी जाती है।
कार्यक्रम अधिकारी डॉ. उमेश कुमार ने बताया कि इस दो दिवसीय कार्यशाला में भोजन और स्वास्थ्य, स्वच्छता और स्वास्थ्य, गर्भावस्था के दौरान भोजन, मानसिक स्वास्थ्य देखभाल, किशोरावस्था में होने वाले बदलाव, विवाह पश्चात होने वाले बदलाव, परिवार नियोजन की जरूरत विषयों पर चर्चा की गई।
हिंदी विभाग के सहायक आचार्य डॉ. श्रीहरि त्रिपाठी ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि मोटे आनाज का उपभोग हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक सिद्ध होगा. उन्होंने कहा कि विद्यार्थी ग्रामीण स्तर पर जाकर यहाँ प्राप्त ज्ञान को फ़ैलाने का कार्य करें जिससे सभी तक जानकारी पहुँच सके.
इस कार्यशाला में श्रृष्टि, निकेता, पार्थ, मोहित, सुकन्या, रौनक, कोमल, अलादीन, सत्यम, हर्ष, नैसी एवं अन्य उपस्थित रहे।
वैभव सिंह