झांसी ।संसद के शीतकालीन सत्र के प्रथम प्रश्नकाल में झांसी–ललितपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद अनुराग शर्मा ने अपने संसदीय क्षेत्र से जुड़े अनेक महत्वपूर्ण एवं जनहित के मुद्दों को प्रभावी रूप से सदन के समक्ष रखा।

सांसद ने विशेष रूप से केन–बेतवा लिंक परियोजना के विभिन्न पहलुओं, ग्रामीण क्षेत्रों में उत्पन्न हो रही समस्याओं तथा परियोजना के विस्तार से संबंधित तकनीकी बिंदुओं पर कई प्रश्न संबंधित मंत्री और सभा के समक्ष प्रस्तुत किए।
सत्र की शुरुआत में उन्होंने बुंदेलखंड को केन–बेतवा लिंक परियोजना जैसी ऐतिहासिक सौगात देने हेतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का समस्त बुंदेलखंड वासियों की ओर से अभिनंदन भी किया। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि परियोजना में अभी भी कुछ क्षेत्र वंचित रह गए हैं, जिन्हें डीपीआर में संशोधन कर जोड़ने की आवश्यकता है, ताकि अधिक से अधिक ग्रामीणों को इस योजना का लाभ मिल सके।
केन–बेतवा लिंक परियोजना के अंतर्गत उन्होंने उत्तर प्रदेश एवं मध्य प्रदेश के लिए प्रस्तावित जल आवंटन कोटा, परियोजना की डेड स्टोरेज क्षमता तथा झांसी की तहसील टहरौली के 53 गैर–सिंचित ग्रामों — पारसा, रौरा, बकायन, बमनुआ, ताई, मजरा ताई, रयानारा, गुंधा, गट्टा, बसारी, टहरौनी किला, गुरेसा, भागेरा, नोरा, हांटी, डुबखाई, बांका पहाड़ी आदि — को परियोजना के कमांड क्षेत्र में जोड़ने हेतु केंद्र सरकार से स्पष्ट जानकारी और आवश्यक कदम उठाने की मांग की।
इसके अतिरिक्त उन्होंने जनपद ललितपुर स्थित गोविंद सागर बांध को राजघाट बांध से जोड़ने का मुद्दा भी प्रमुखता से उठाया। उन्होंने कहा कि इस कार्य के पूरा होने से ललितपुर की जनता को पीने के पानी की बेहतर उपलब्धता सुनिश्चित होगी और गोविंद सागर बांध के निचले हिस्सों में स्थित कृषि भूमि को निरंतर सिंचाई मिलेगी, जिससे किसानों को कृषि उत्पादन और कृषि विस्तार में अत्यंत लाभ प्राप्त होगा।
