झांसी। प्रदेश के गरीब परिवार में लड़कियों के विवाह में आने वाली परेशानियों को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बड़ी पहल के रूप में शुरू की गयी मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना को झांसी जनपद में समाज कल्याण विभाग की गंभीर लापरवाही के कारण पलीता लगता नजर आ रहा है।

झांसी जनपद के गुरसराय में आज आयोजित विवाह सम्मेलन में तमाम तरह की अनियमितताएं न केवल नजर आयी बल्कि इस आयोजन को लेकर समाज कल्याण विभाग की ओर से किये जा रहे दावों की पोल भी खुल गयी।कार्यक्रम में लगभग 132 जोड़ों मे से 103 जोड़ों का विवाह संपन्न कराये जाने की जानकारी दी गयी जबकि कई जोड़ों से जब विवाह संस्कारों के बारे में पूछा गया तो वह यह भी सही सही नहीं बता पा रहे थे कि फेरे लिए गये हैं या नहीं।
किसी विवाहित महिला के मांग में सिंदूर नहीं तो किसी के पैरों से बिछिया गायब नजर आयी इतना ही नहीं कई युवतियां तो गले में सुहाग की निशानी मंगलसूत्र पहने हुए विवाह मंडप में बैठे नजर आयी।

समारोह में शादी संपन्न कराने आये पंडित प्रकाश चंद्र द्विवेदी ने बताया कि जिस जोड़े का विवाह उन्होंने संपन्न कराना था ,वह अभी आते हैं कि बात कहकर मंडप से भाग गये और कार्यक्रम के समाप्त होने तक उनका कोई अता पता नहीं था।

विवाह के लिए आए जोड़ों के बीच विवाह से अधिक इस आयोजन में मिलने वाले सामान को पाने की होड़ ज्यादा नजर आयी। सामूहिक विवाह आयोजन में योजना के अंतर्गत जोड़ों को गृहस्थी की शुरुआत करने के लिए जरूरी समान भी उपलब्ध कराया जाता है।
विभाग की लापरवाही के चलते सरकार की यह अति महत्वपूर्ण योजना लगभग मजाक ही बनती नजर आ रही है। झांसी जनपद में इस तरह के सम्मेलनों के आयोजनों में विभाग की गंभीर लापरवाही के उदाहरण थमने का नाम ही नहीं ले रहे है ।

इस संबंध में समाज कल्याण अधिकारी ललिता यादव से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा “ सभी जोड़ों का सत्यापन किया गया है जो कुपात्र होंगे वह भाग गये होंगे।”
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कार्यक्रम का शुभारंभ गरौठा विधायक जवाहर लाल राजपूत ने दीप प्रज्वलित कर किया। उनसे जब इस बारे में बात की गयी तो उन्होंने कहा ” प्रदेश के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों की लड़कियों के विवाह में आने वाली समस्याओं से उन्हें बचाने के लिए सरकार ने इस योजना के माध्यम से विवाह का लगभग पूरा भार ही अपने ऊपर ले लिया है। ऐसे आयोजन की अनियमितताओं पर विधायक ने कहा कि योजना का बड़ा उद्देश्य है लेकिन अगर अनियमितताएं सामने आयी हैं तो अधिकारियों की लापरवाही हो रही है जिसकी जांच होनी चाहिए। अगर कुपात्र लोगों का पंजीकरण हुआ है तो उनके खिलाफ जांच होनी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ पाये। यहां हुए आयोजन में भी अनियमितताओं के खिलाफ जांच के लिए कहा जायेगा और जो भी दोषी पाये जायेंगे उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।”
गौरतलब है कि इससे पहले तीन नवंबर झांसी में हुए सामूहिक विवाह सम्मेलन में लगभग 285 जोड़ों का विवाह पंजीकरण कराया गया था, जिसमें से सात जोड़े पहले से ही न केवल शादीशुदा पाये गये बल्कि उनके बच्चे भी थे। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के आयोजनों में इस तरह की गंभीर अनियमितताओं के कारण न केवल योजना के बड़े उद्देश्य पर कुठाराघात होता नजर आता है बल्कि समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों की गंभीर लापरवाही भी साफतौर पर उजागर होती है।
वैभव सिंह
बुंदेलखंड कनेक्शन
