झांसी । बुंदेलखंड में झांसी के अनुभवी और दूरदर्शी सांसद अनुराग शर्मा ने वैश्विक संगठन राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए)के कोषाध्यक्ष के रूप में वैश्विक स्तर पर एक नयी पहचान दिलाने को लेकर अथक प्रयास किया, उसी का नतीजा है कि संगठन ने अपनी पहचान एक सीमित ब्रिटिश चैरिटी से बदलकर एक शक्तिशाली अंतर्राष्ट्रीय बॉडी के रूप में स्थापित की ।
सीपीए के वर्तमान अंतर्राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष श्री शर्मा, 05 अक्टूबर से 12 अक्टूबर 2025 तक कैरिबियन द्वीप राष्ट्र बारबाडोस की राजधानी ब्रिजटाउन में आयोजित होने वाले 68वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन में भाग लेंगे, जिस परंपरा का निर्वहन वह वर्षों से करते आ रहे हैं।
यह सम्मेलन राष्ट्रमंडल देशों के 56 सदस्य राष्ट्रों के प्रतिनिधियों को एकजुट करने वाला सबसे बड़ा और सबसे पुराना मंच है, जहां संसदीय लोकतंत्र को सुदृढ़ करने, सुशासन, समावेशी विकास और 21वीं सदी की उभरती वैश्विक चुनौतियों के समाधान के मुद्दों पर गहन विचार-विमर्श किया जाता है।
इस वर्ष के सम्मेलन का मुख्य विषय ‘द कॉमनवेल्थ: ए ग्लोबल पार्टनर’ है, जो बहुध्रुवीय दुनिया में राष्ट्रमंडल देशों के बीच मजबूत साझेदारी और वैश्विक मंच पर उनकी सामूहिक आवाज के महत्व को रेखांकित करता है।
सांसद अनुराग शर्मा का यह प्रतिनिधित्व ऐसे महत्वपूर्ण समय में हो रहा है जब वह सीपीए के कोषाध्यक्ष के रूप में अपने तीन वर्षों के ऐतिहासिक और अत्यंत सफल कार्यकाल का समापन करने जा रहे हैं। उनका यह कार्यकाल संगठन के लिए एक नए युग का सूत्रपात करने वाला रहा है और इसे सीपीए के इतिहास में सर्वाधिक परिवर्तनकारी दौरों में से एक माना जा रहा है। विगत तीन वर्षों में, सीपीए के कोषाध्यक्ष के रूप में उनके नेतृत्व में संगठन में अभूतपूर्व संरचनात्मक और प्रशासनिक क्रांतियाँ आई हैं।
उन्हीं के कुशल मार्गदर्शन में सीपीए को ब्रिटेन में केवल एक ब्रिटिश चैरिटी के रूप में काम करने की पुरानी, सीमित व्यवस्था से बाहर निकालकर, एक विशाल, स्थायी और अंतर्राष्ट्रीय संगठन (इंटरनल बॉडी) के रूप में कानूनी मान्यता दिलाई गई है। संघ की दक्षता, वित्तीय पारदर्शिता, जवाबदेही और वैश्विक पहुंच को कई गुना बढ़ा दिया है।
उन्हीं के नेतृत्व में सीपीए के लिए एक सर्व-समावेशी और आधुनिक नए कॉन्स्टिट्यूशन (संविधान) का निर्माण भी किया गया है। वह इस संविधान निर्माण समिति में सबसे अनुभवी और सीनियर पदाधिकारी थे ।यह परिवर्तन सीपीए को उसके शताब्दी से अधिक के इतिहास में सबसे बड़े कानूनी और प्रशासनिक सुधारों में से एक प्रदान करता है।इन संरचनात्मक बदलावों ने सीपीए को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाया है। यह उपलब्धि न केवल सांसद शर्मा, बल्कि 17 साल बाद भारत को मिली कोषाध्यक्ष की सीट के लिए एक बड़ा गौरव है, जिसे उन्होंने अपने उत्कृष्ट कार्यों से अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर और अधिक प्रतिष्ठित किया है।