उत्तर मध्य रेलवे के नवनियुक्त महाप्रबंधक

मीडिया के सवालों से बचते-बचाते निकले उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक

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झांसी । उत्तर मध्य रेलवे के नवनियुक्त महाप्रबंधक नरेश पाल सिंह पदभार ग्रहण करने के बाद अपने पहले ही दौरे पर आज झांसी मंडल आये। जहां एक ओर उन्होंने मंडल के विभिन्न विभागों का दौरा किया और व्यवस्थाओं को परखा तथा जरूरी दिशा निर्देश दिये वहीं दूसरी ओर मंडल की खामियों को उनके सामने बेबाकी से रखने वाले मीडियाकर्मियों से वह पूरे तरह से किनारा करते हुए निकल गये।
महाप्रबंधक ने यहां रेल कोच नवीनीकरण कारखाना, कोच मिडलाइफ रिहैबिलिटेशन सेंटर और कोच केयर सेंटर का दौरा किया साथ ही विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की और विकास तथा आधुनिकीकरण से जुड़े कार्यों पर विस्तृत चर्चा की।
महाप्रबंधक ने सराहनीय कार्य के लिए रेल कोच कारखाना को एक लाख, सीएमएलआर वर्कशॉप को 50 हजार, कोच केयर सेंटर को 25 हजार और टीआरडी (डिपो) को 10 हजार की धनराशि पुरस्कार स्वरूप प्रदान करने की घोषणा भी की।
झांसी मंडल के अधिकारियों ने महाप्रबंधक के सामने तमाम तरह की व्यवस्थाएं चाक चौबंद होने का खाका खींचा और तमाम तरह की व्यवस्थाएं साफ नजर भी आयीं। स्टेशन पर जो एस्कलेटर दिव्यांगजनों, बुर्जुगों, गर्भवती महिलाओं और बच्चों को आवागमन की बेहतर सुविधा देने के लिए लगाने का दावा रेल मंडल द्वारा किया गया आज वह एस्कलेटर पूरी तरह से चालू नजर आये।
यह बात और है कि यह एस्कलेटर लंबे समय से बंद थे और आम जनता को जबरदस्त असुविधा का सामना करना पड़ रहा था। इस बारे में कई बार अधिकारियों को जानकारी भी दी गयी लेकिन किसी के कान पर जूं तक नहीं रेंगी लेकिन आज महाप्रबंधक के आगमन पर स्टेशन पर एस्कलेटर चालू नजर आये।
यह पहला मौका नही है स्टेशन और मंडल के विभिन्न विभागों में जो भी अव्यवस्थाएं होती हैं वह आला अधिकारियों के दौरे पर पूरी तरह से चाकचौबंद हो जाती हैं। ऐसे परिपाटी पहले भी देखी जाती रही है।

महाप्रबंधक से रुबरु होकर झांसी के इलेक्ट्रॉनिक , प्रिंट मीडिया व न्यूज़ एजेंसी के प्रतिनिधि ,झांसी मंडल में रेल के विकास व योजनाओं आदि सहित कर्मचारियों व जनता से जुड़ी समस्याओं, अ/ व्यवस्थाओं, नियमों के विपरीत किए जा रहे कार्यों के बारे में चर्चा करना चाहते थे। विभिन्न  मुद्दों को लिए पत्रकार मंडल ,रेल प्रबंधक कार्यालय में महाप्रबंधक से मिलने दोपहर 12 बजे पहुंचे और उनके आगमन का इंतजार करते रहे। महाप्रबंधक आए और सीधे सभागार में बैठक करने पहुंच गए।

इसके बाद सायं फिर से पत्रकारों की टीम डीआरएम कार्यालय पहुंच गयी ताकि मीटिंग के बाद उनसे भेंट वार्ता की जा सके। काफी इंतजार के बाद जीएम मीटिंग कर सभागार से निकले और मीडिया से बचते हुए डीआरएम के चैम्बर में प्रवेश कर गये।

इसके बाद उन्हें पीआरओ के माध्यम से खबर पहुंचाई गई की मीडिया मिलना चाहती है। पीआरओ ने बाहर निकल कर बताया कि “साहब मिलना नहीं चाहते,फिर आएंगे तब मिलेंगे”।

इस पर पत्रकारों ने कहा सिर्फ दो मिनट की चर्चा है लेकिन जीएम  दो मिनट का समय नहीं निकाल पाए।  इसी दौरान जीएम आरपीएफ के घेरे में निकले तो पत्रकारों ने सवालों की झड़ी लगा दी, किंतु वह अनसुनी करते हुए कार में सवार होकर रवाना हो गए और सवाल अनुत्तरित रह गए। दूसरी ओर  रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव रेल विकास व यात्री सुविधाओं के प्रचार-प्रसार को प्रमुखता देते हैं ताकि आम जन को मीडिया के माध्यम से अधिक से अधिक जानकारी मिले और उससे लाभान्वित हों।

वैभव सिंह
बुंदेलखंड कनेक्शन

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