झांसी। कई वर्षों से पति के उत्पीड़न से आजिज आयी एक महिला ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से न्याय दिलाने और अगर ऐसा संभव न हो तो इच्छामृत्यु देने की गुहार लगाई है।

22 साल पहले हुआ अंतरजातीय विवाह
पीड़िता श्वेता भीलवार ने बताया कि जब वह मात्र 16 वर्ष की थी तभी 14 वर्ष बड़े सीनियर ऑडिट अधिकारी ने उसे प्रेमजाल में फंसाकर विवाह कर लिया। उस समय श्वेता की उम्र 19 वर्ष और पति की उम्र 33 वर्ष थी।
पति का शक्की और झगड़ालू स्वभाव
महिला का आरोप है कि उसका पति स्वभाव से शंकालु, झगड़ालू और पद के अहंकार से ग्रसित है। वह घर में सीसीटीवी लगाकर 24 घंटे निगरानी करता था। शुरुआत में बदसलूकी धीरे-धीरे मारपीट और गहरे उत्पीड़न में बदल गई।
17 साल तक सहा उत्पीड़न
लगातार प्रताड़ना के बीच श्वेता ने किसी तरह 17 साल तक वैवाहिक जीवन निभाया। लेकिन पिछले 4-5 वर्षों से स्थिति असहनीय हो गई। उस पर बाहर जाने की पाबंदी लगा दी गई और बच्चों से भी दूर रखा जाने लगा। यहां तक कि चरित्रहीनता के आरोप भी लगाए गए।
आत्महत्या का ख्याल लेकिन बच्चों के लिए समझौता
महिला ने बताया कि उसने कई बार आत्महत्या करने की सोची लेकिन अपने दो बेटों की खातिर हर बार रुक गई। मजबूरी में उसने स्कूल में पढ़ाना शुरू किया लेकिन इससे पति का अहंकार और बढ़ गया और वह बच्चों से दूर कर घर से निकालना चाहता है।
मुख्यमंत्री से न्याय या इच्छामृत्यु की मांग
कई शिकायतों के बावजूद न्याय न मिलने पर श्वेता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई है कि या तो उसे पति की प्रताड़ना से मुक्ति दिलाई जाए, अन्यथा उसे इच्छामृत्यु की अनुमति दी जाए।
✍️ वैभव सिंह, बुंदेलखंड कनेक्शन
