झांसी, 22 अगस्त। बुंदेलखंड में झांसी जिले के मऊरानीपुर विकास खंड में आयोजित दो दिवसीय “जल कोष यात्रा” का आज समापन हुआ।
इस यात्रा का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में जल संरक्षण के महत्व को रेखांकित करना और जनभागीदारी के माध्यम से इसे जन आंदोलन में बदलना था। इस कार्यक्रम की अगुवाई जल योद्धा पद्मश्री उमाशंकर पाण्डे ने की।
यात्रा के दौरान उच्च प्राथमिक विद्यालय में एक विशेष “पानी पाठशाला” का आयोजन किया गया, जिसमें जल संरक्षण की शिक्षा दी गई और जल की महत्ता पर जोर दिया गया।
यात्रा का आरंभ एक संगोष्ठी से हुआ, जिसमें “जल की उपयोगिता एवं महत्व” विषय पर चर्चा की गई। मुख्य अतिथि पद्मश्री उमाशंकर पांडेय ने जल संरक्षण के महत्व पर बल देते हुए कहा कि पानी के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। छोटे-छोटे प्रयासों के जरिए हम पानी की बर्बादी को रोक सकते हैं और सामूहिक जनभागीदारी से भूजल स्तर को बढ़ाया जा सकता है।
उन्होंने बुंदेलखंड की धरती से जल क्रांति को जन क्रांति में बदलने की अपील की। एसपीएमयू लखनऊ से आये साकेत श्रीवास्तव ने कहा कि अटल भूजल योजनान्तर्गत प्रदेश के 10 जनपदों के 26 विकास खण्डों की चयनित 550 ग्राम पंचायतों में पानी पाठयशाला का आयोजन किया जा रहा है।
अंत में अटल भूजल योजना के नोडल अधिकारी मनीष कुमार कनोजिया ने कहा कि, अटल भूजल योजना अन्तर्गत जनपद की 31 ग्राम पंचायतों में विभिन्न विभागों के सहियोग से अमृत सरोवर, तालाब, चेकडेम, रेन वाटर हार्वेस्टिंग सहित अन्य जल संरचनाओं का निर्माण कार्य कराया जा रहा है।
जनपद की चयनित ग्राम पंचायतों के चयनित 100 किसानों के खेत में लो कॉस्ट पॉली हाउस का निर्माण कराया जाएगा। इच्छुक किसानों को सरकार की ओर से 90 फीसद सब्सीडी दी जाएगी। कार्यक्रम का संचालन आईईसी एक्सपर्ट मोहम्मद हैदर द्वारा किया गया ।
इस अवसर पर अन्य प्रमुख अतिथियों में समाजसेवी अशोक श्रीवास्तव, खंड विकास अधिकारी सुनील कुमार सिंह, और अटल भूजल योजना के नोडल अधिकारी मनीष कुमार कनौजिया शामिल थे।
कार्यक्रम के अंत में विकास खंड परिसर में 51 पौधे लगाए गए और पारंपरिक जल स्रोतों की पूजा की गई। ‘जल कोष यात्रा’ का समापन मऊरानीपुर में हुआ और अब यह यात्रा ललितपुर की ओर रवाना हो गई है। इस यात्रा के दौरान जल संरक्षण के नारे और जनसहभागिता से पूरे क्षेत्र में जागरूकता फैलाने का प्रयास किया गया।
वैभव सिंह
बुंदेलखंड कनेक्शन