झांसी 25 मई । बदलते समय में तकनीकी के बढ़ते उपयोग के बीच अपराध और अपराधियों के काम करने के बदलते तरीकों को लेकर डीआईजी झांसी ने कलानिधि नैथानी ने शनिवार को आम जनता के लिए एडवाइजरी जारी की।
उन्होंने बताया कि बदलते समय के साथ अपराध के तरीकों में काफी बदलाव आया है और इसी कारण आज डिजिटल युग में डिजिटल अपराधों की संख्या भी काफी अधिक बढ़ी है। इन अपराधों से निपटने के लिए जागरूकता ही सबसे अधिक जरूरी है।
डीआईजी ने कहा कि डिजिटल अरेस्ट जैसे अपराध न केवल एक जनपद, एक राज्य बल्कि कई देशों में पुलिस के सामने एक नयी चुनौती के रूप में आये हैं। इसके तहत व्यक्ति की कोई कमी को भांपकर खुद को नकली पुलिस या साइबर सेल का नुमाइंदा बताकर आम जनता से पैसों की उगाही की जाती है। ऐसे में जागरूकता बहुत जरूरी है। किसी गैर जानकार नंबर पर किसी तरह को कोई डिजिटल पेमेंट न करें। यदि कोई ऑनलाइन धमका कर पैसों की मांग कर रहा है तो 112 पर कॉल कर लोकल थाना को इसकी जानकारी जरूर दें।
श्री नथानी ने स्पष्ट किया कि ऐसे अपराधों में भी कहीं बाहर की पुलिस पीड़ित की मदद नहीं करती है । ऐसे मामलों में भी पहली मदद स्थानीय पुलिस से ही आती है। अगर कभी कोई डिजिटल अरेस्ट जैसे स्थिति में खुद को पाये या फोन पर किसी तरह से पैसे वसूलने या धमकाने के संबंध में स्थानीय पुलिस को तुरंत जानकारी दें। उन्होंने कहा कि जो भी जांच करनी होती है वह स्थानीय पुलिस को ही करनी होती है इसलिए यह न सोंचे कि बाहर की पुलिस मदद करेगी। ऐसी किसी भी समस्या में फंसने के बाद स्थानीय पुलिस को जानकारी सबसे पहले दें।
उन्होंने लोगों को अज्ञात नंबरों पर ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर करने की प्रवत्ति पर पूरी तरह से रोक लगाने की वकालत करते हुए कहा कि आपकी सावधानी ही आपको ऐसे अपराधों से बचा सकती है। उन्होंने बताया कि डीप फेक से अश्लील वीडियो बनाकर भी लोगों को भेजे जाते हैं और फिर उन्हें फोन पर डराने धमकाने का सिलसिला शुरू होता है। ऐसा करने वाले सभी अपराधी होते हैं । ऐसा कुछ भी होने की स्थिति में बिना घबराएं स्थानीय पुलिस को जानकारी दें। स्थानीय पुलिस की मदद से ही आगे की कार्रवाई की जाती है।
वैभव सिंह
बुंदेलखंड कनेक्शन