बुंदेलखंड विश्वविद्यालय

बुंदेलखंड विश्वविद्यालय और आईआईटी मुम्बई के बीच शोध नवाचार को बढाने का समझौता

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झांसी 01 अप्रैल । वीरांगना नगरी झांसी स्थित बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के बेसिक इनक्यूबेशन सेंटर (बुंदेलखंड एक्टिव स्टार्टअप इन्नोवेशन काउंसिल) और आईआईटी मुंबई के तुमस फाउंडेशन के  बीच आज समझौता हुआ। इस समझौते का मुख्य उद्देश्य स्टार्टअप और विज्ञान एवं फार्मेसी के क्षेत्र में शोध नवाचार बढ़ावा देना है।

बुंदेलखंड विश्वविद्यालय

कुलपति प्रो़ मुकेश पांडे ने छात्रों के बीच स्टार्टअप और सहयोग को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया।उन्होंने कहा कि यह समझौता  छात्रों की प्रतिभा और आकांक्षाओं को  पोषित करने की हमारी प्रतिबद्धता में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस समझौते के माध्यम से, हम एक ऐसा स्थान प्रदान करने की उम्मीद करते हैं जहां छात्र  न केवल अपने कौशल विकसित कर सकें बल्कि कैंपस जीवन और उससे आगे भी सार्थक योगदान दे सकें।

डॉ.विनय सैनी जी ने बताया कि बुंदेलखंड विश्वविद्यालय और आईआईटी मुंबई में फार्मेसी के साथ-साथ विज्ञान के क्षेत्र में शोध नवाचार को प्रोत्साहित करने के लिए शोध कार्य को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे फार्मेसी और विज्ञान में विद्यार्थी अधिक जानकारी प्राप्त कर पाएंगे और छात्र संयुक्त रूप से शोध कार्य में दक्षता को प्राप्त करेंगे।देश में कई विश्वविद्यालय पहले से ऐसे कार्यों को बढ़ावा दे रहें हैं तो आज हम क्यों पीछे रहें इसलिए आज हम एक नई पहल शुरू करने जा रहे हैं जो निश्चित ही छात्रों के हित में होगी । स्टार्टअप के माध्यम से छात्र छात्राएं स्वरोजगार को प्राप्त करेंगे और देश की उन्नति में सहायक होंगे।

कार्यक्रम के संचालक बेसिक इनक्यूबेशन सेंटर के डायरेक्टर प्रोफेसर एस के काबिया ने बताया कि बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी के लिए यह एक अच्छा अवसर है जो अंतरराष्ट्रीय स्तर के मुंबई के साथ शोध करने का विद्यार्थियों एवं शोधकर्ताओं को का मौका मिलेगा जिससे बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एवं शोधार्थी अपने-अपने क्षेत्र में उन्नत कार्य करने के लिए प्रोत्साहित होंगे, इससे विज्ञान और फार्मेसी दोनो विषयों में शोधार्थी अप्रतिम कार्य करने में सक्षम होंगे। और अपने शोध कार्यों के द्वारा विश्वविद्यालय और देश का नाम रौशन करेंगे ।
प्रो काबिया ने स्टार्टअप के बारे में बताते हुए कहा कि भारत में आत्मनिर्भरता की क्रांति का बिगुल बज चुका है। प्रत्येक युवा इस क्रांति का सेना नायक है। आने वाले समय में भारत विश्व को  नेतृत्व देने वाला है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे केवल मूकदर्शक होकर इस क्रांति को देखें ना, बल्कि इसमें भागीदारी करके अपना सक्रिय योगदान दें।

इस दौरान श्री वसी मोहम्मद वित्त अधिकारी,डॉ सुनील प्रजापति, डॉ रामनारायण प्रजापति, डॉ संजय निभौरिया, प्रो. सी बी सिंह श्री अनिल जी डॉ अतुल खरे डॉ .यशोधरा शर्मा, इं साबिर अली ,श्री हेमंत चंद्रा ,श्री आशीष वर्मा , हितिका यादव, शशांक,चंद्रभान सोनू,जीतू गौड़ तरुण द्विवेदी आदि मौजूद रहे ।

वैभव सिंह

बुंदेलखंड कनेक्शन

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