झांसी 06 मार्च । बुंदेलखंड में वीरांगना नगरी स्थित रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में किसानों की आय को बढाने के उद्देश्य से औषधीय एवं सगंधीय पौधों की व्यवसायिक खेती एवं प्रसंस्करण तकनीकी पर तीन दिनों तक प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इसका शुभारम्भ विवि के प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ़ एसएस सिंह, अधिष्ठाता उद्यानिकी एवं वानिकी डॉ़ एमजे डोबरियाल, सह-प्राध्यापक डॉ़ आरपी यादव ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलन कर किया।
स्वागत संबोधन करते हुए सहायक प्राध्यापक डॉ़ प्रभात तिवारी ने कहा कि इस प्रशिक्षण में बंगरा ब्लाक के 25 किसानों ने भाग लिया है। इसमें सगंधीय औषधीय, सामुदायिक खेती आदि की विभिन्न जानकारी दी जायेगी। अधिष्ठाता उद्यानिकी एवं वानिकी डॉ़ एमजे डोबरियाल ने कहा कि इस प्रशिक्षण के दूरगाामी परिणाम आंएगे। इसमें तरह – तरह के व्याख्यान, किसानों को औषधीय प्रक्षेत्र भ्रमण एवं चलचित्र के माध्यम से विभिन्न जानकारियां दी जांयेगी। इसमें किसानों को तुलसी के साथ – साथ अन्य औषधीय पौधों के बारे में बताया जाएगा।
इस प्रशिक्षण में मुख्यतः प्रसंस्करण कैसे किया जाये एवं बाजार से कैसे जोड़ा जाये, इस पर भी गहन चर्चा होगी। प्राकृतिक खेती का सबसे अधिक लाभ इसी में है। किसानों को उच्च गुणवत्तायुक्त पौध मिल सके यह अति आवश्यक है।
डॉ़ एसएस सिंह ने कहा कि किसानों की सबसे बढ़ी समस्या है बाजार न मिलना, कृषि तकनीकी कमी, गुणवत्तायुक्त पौधों की कमी, इस पर चिंता करते हुए कहा कि इस प्रशिक्षण में वैज्ञानिकों द्वारा लाभप्रद जानकारी के साथ-साथ प्रसंस्करण की कमी को विवि के वैज्ञानिकों द्वारा आविष्कृत तकनीकियों से प्रशिक्षणार्थियों को लाभान्वित किया जाएगा। अच्छी कृषि तकनीकियों के माध्यम से औषधीय पौधों की उत्पादकता को बढ़ावा कैसे दिया जाए इसकी भी जानकारी मिलेगी। उन्होंने उद्यानिकी वानिकी वैज्ञानिकों से कहा कि इस प्रशिक्षण में तुलसी आधारित मधुमक्खी पालन की जानकारी अवश्य दें।
पुष्पेन्द्र सिंह ने कहा कि हम किसान उत्पादन संगठन झांसी के माध्यम से कई ग्रामों में 3600 एकड़ में औषधीय पौधों की खेती करा रहे हैं। कृषि विवि का सहयोग रहा तो यह किसान औषधीय एवं सगंधीय पौधों में देश में नाम करेंगे।
इस अवसर पर समन्वयक डॉ़ विनोद कुमार, सह समन्वयक डॉ़ एएस काले, डॉ़ पंकज लावानिया, डॉ़ राकेश कुमार नेगी आदि उपस्थित रहे। सह प्राध्यापक डॉ़ आरपी यादव ने सभी का आभार व्यक्त किया।
वैभव सिंह
बुंदेलखंड कनेक्शन