किसान नींबूवर्गीय फसल

किसान मेले में बुंदेलखंड के किसानों को नींबूवर्गीय फसलों से जोड़ने पर हुई गंभीर चर्चा

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झांसी 09 फरवरी। झांसी स्थित रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में चल रहे तीन दिवसीय किसान मेले और प्रदर्शनी में आज दूसरे दिन बुंदेलखंड के किसानों को नींबूवर्गीय फसलों से जोड़ने और इसके माध्यम से उनकी आय में वृद्धि कराने के विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

कृषि महाविद्यालय के बहुउद्धेशीय हॉल में कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसकी अध्यक्षता निदेशक राष्ट्रीय नींबू अनुसंधान संस्थान, नागपुर डॉ दिलीप घोष एवं कुलपति डॉ. अशोक कुमार सिंह ने की। विशिष्ट अतिथि जिलाधिकारी, झांसी अविनाश कुमार,मुख्य विकास अधिकारी झांसी जुनैद अहमद रहे।

किसान नींबूवर्गीय फसल

कार्यक्रम संयोजक विभागाध्यक्ष उद्यानिकी डॉ. गौरव शर्मा ने बताया कि  उद्यानिकी विभाग जनपद झांसी एवं कृषि विवि के संयुक्त तत्त्वाधान में आयोजित इस कार्यक्रम का  उद्धेश्य नींबूवर्गीय खेती में किसानों को धनबान बनाना है। जिलाधिकारी झांसी ने आए हुए किसान, उद्योगपति एवं वैज्ञानिकों सहित सभी का स्वागत करते हुए कहा  कि बुंदेलखंड में नींबूवर्गीय फसलों की असीम संभावनाएं हैं और इसकी खेती को बढ़ाना है। किसानों को बाजार नही मिलने के कारण कई बार खेती में अधिक उत्पादन होते हुए भी नुकसान उठाना पड़ता है।

उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्धेश्य नींबूवर्गीय फसलों से किसानों को जोड़ना इससे उनको लाभ मिल सके।  कृषि विवि के कुलपति के नेतृत्व में इसको बढ़ाने का कार्य किया जाएगा। सरकार कई पॉलिसी, एमएसपी, किसानों के लिए बनाई हैं लेकिन किसान उनका लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। आज इस कार्यक्रम में विशेषज्ञ भी हैं,  वैज्ञानिक भी हैं, किसान भी हैं और बाहर से आए उद्योगपति भी हैं। आज इस परिचर्चा में जो भी निष्कर्ष निकलेगा उसको हम धरातल पर उतारेंगे। कृषि में अभी बहुत बड़े बदलाव भी संभावनाएं हैं। उन्होंने वैज्ञानिकों से भी अनुरोध किया कि जो आप प्रयोग विवि में कर रहे हैं वह प्रयोग किसानों के खेत पर भी करने का प्रयास करें।

किसान नींबूवर्गीय फसल

कुलपति डाॅ. अशोक कुमार सिंह ने कहा  कि इस कार्यक्रम की पूर्ण पहल जिलाधिकारी की है। हमें खुशी है कि आज स्वयं जिलाधिकारी इस कार्यक्रम की अगुवाई कर रहे हैं। कृषि विवि में इस नींबूवर्गीय प्रयोग का अच्छा लाभ मिला है।  यहां के वैज्ञानिकों से कहा दिया गया है कि आपके प्रयोग किसानों के खेत तक अवश्य पहुॅचे एवं कुछ किसानों का चयन कर उनके खेत पर माॅडल स्थापित करें। इसमें कुछ व्यापारी वर्ग भी जुड़ना चाहते हैं। आज यहां नीति निर्धारण विशेषज्ञ, वैज्ञानिक, उद्योगपति एवं किसान सभी उपस्थित हैं। इससे निश्चित ही इस परिचर्चा में कुछ महत्त्वपूर्ण पहलू निकलकर आएंगे। इसमें आगे अन्य संस्थाओं को भी जोड़ा जाएगा।

निदेशक राष्ट्रीय नींबू अनुसंधान संस्थान, नागपुर डॉ. दिलीप घोष ने कहा कि नीबूवर्गीय फसलों में केला, आम, नीबू, मुसम्मी, संतरा आदि कई फसलें आती हैं। इसमें पिछले दशक से  दस गुना लाभ बढ़ा है। झाँसी में किए जा रहे नीबूवर्गीय फलों के उत्पादन बढ़ाने में हमारी संस्थान की जो भी आवश्यकता होगी वह मदद की जाएगी। इसमें फल वैज्ञानिकों ने  विभिन्न तकनीकी जानकारियां दीं।

इस मेले में श्री अन्नों से बने पकवानों एवं उनके प्रसंस्करणों का भी प्रदर्शन हो रहा है। इसमें विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिभागी जैसे की होटल शेफ, गृहणियाँ, शेल्फ हेल्प ग्रुप, एफपीओ, छात्र एवं छात्रायें सम्मिलित हुए हैं।

किसान नींबूवर्गीय फसल

विश्वविद्यालय झांसी और कृषि विभाग जनपद झांसी, उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वाधान में श्री अन्न प्रशिक्षण एवं पकवान प्रदर्शनी का आयोजन भी किया जा रहा है। इस प्रतियोगिता में 100 से ज्यादा प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया तथा लगभग श्री अन्नों से बने 150 मिष्ठानो एवं व्यंजनों को प्रदर्शित किया। होटल नटराज सरोवर, लेमन ट्री, के 3 रेजीडेंसी,  ग्रैंड तुलसी से आये शैफ इस प्रदर्शनी का खास आकर्षण रहे। नटराज सरोवर होटल के मशहूर शैफ विवेक बहादुर सम्मिलित हुए और उन्होंने ने श्री अन्नों से बनी शुशी भी प्रदर्शित की।

इसमें विभिन्न श्रेणियों के मिष्ठान, नाश्ता, भोजन में  रोली गुप्ता,  रजनी गुप्ता, डॉ कटियार, गुरमीत सिंह, मुकेश कुमार, डॉ प्रतिभा, डॉ संजय,  तारा सिंह ने श्री अन्नों की  निर्णायक मण्डली के रूप में प्रतिभाग लिया। इसमें बुंदेली थाली, श्री अन्न आधारित थाली एवं ज्वार रसगुल्ला, रागी आइसक्रीम मुख्य आकर्षण रहे।

आज मंडलायुक्त डॉ. आदर्श सिंह सहित कुलपति डाॅ. अशोक कुमार सिंह एवं पदम्श्री किसानों ने भी भ्रमण किया और प्रदर्शित व्यंजनों का स्वाद चखा और बहुत प्रशंसा की।

आज के विभिन्न कार्यक्रमों में निदेशक प्रसार शिक्षा, डॉ. एसएस सिंह, निदेशक शोध, डॉ एसके चतुर्वेदी, निदेशक शिक्षा, डॉ. अनिल कुमार, अधिष्ठाता कृषि, डॉ. आरके सिंह, अधिष्ठाता पशु चिकित्सा महाविद्यालय डॉ वीपी सिंह, अधिष्ठाता मत्स्य डॉ. वी के बेहेरा, अधिष्ठाता उद्यानिकी एवं वानिकी डॉ मनमोहन डोवरयाल, कुलसचिव डॉ़ मुकेश श्रीवास्तव , पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. एसएस कुशवाह सहित सभी वैज्ञानिकों ने अपनी सहभागिता दी।

वैभव सिंह

बुंदेलखंड कनेक्शन

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