एएलएस-कार्यशाला

एएलएस कार्यशाला में भाग लेना बालरोग विशेषज्ञों के लिए बेहद जरूरी:डॉ. ओम शंकर चौरसिया

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झांसी 04 फरवरी। वीरांगना नगरी झांसी स्थित महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के बालरोग विभाग में सांस और हृदय संबंधी गंभीर बीमारियों से ग्रसित शिशुओं और बच्चों को अत्याधुनिक केयर देने के संबंध में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।

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बाल रोग विभाग के विभागाध्यक्ष और कोर्स कॉरडिनेटर डॉ. ओम शंकर चौरसिया ने ” बुंदेलखंड कनेक्शन ” के साथ विशेष बातचीत में बताया कि इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स ( आईएपी) एडवांड लाइफ सपोर्ट (एएलएस) कार्यशाला में हिस्सा लेना प्रत्येक बालरोग विशेषज्ञ के लिए बेहद जरूरी है। इस कार्यशाला में बालरोगों के प्रशिक्षु चिकित्सकों, झांसी के  साथ साथ बाहर से आये बालरोग विशेषज्ञों ने भी हिस्सा लिया और जाना कि अति गंभीर स्थिति में उनके पास आने वाले बच्चों को तुरंत पहचानकर अत्याधुनिक लाइफ सपोर्ट देकर किस तरह से बच्चे के जीवन रक्षा के लिए तुंरत काम किया जा सकता है

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उन्होंने बताया कि इस कार्यशाला में बेहद बारीकी से चिकित्सकों को एक टीम के रूप में काम करते हुए बच्चों को जल्द से जल्द मदद मुहैया कराने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। पांच से छह विद्यार्थियों को एक टीचर प्रशिक्षित कर रहा है। यह कोर्स अंतरराष्ट्रीय समिति आईएलसीओआर द्वारा प्रत्येक पांच वर्ष में मानकों के अनुसार निर्धारित किया जाता है। दुनिया भर में आयोजित होने वाली इस कार्यशाला में एक ही प्रकार के मानकों का अनुसरण किया जा रहा है।

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कार्यशाला को उद्घाटन मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. नरेंद्र सिंह सेंगर ने किया और कहा कि इस तरह की कार्यशाला का आयोजन हर साल होना चाहिए।  नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) ने स्नातकोत्तर छात्रों के पाठ्यक्रम में इसे अनिवार्य कर दिया है।

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कार्यशाला में एम्स भोपाल के डॉ. गिरीश भट्ट ने हृदय संबंधित रोगों पर आधुनिक डीफिब्रीलेटर मशीन के उपयोग के बारे में, गजरा राजा मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. रवि अंबे , प्रो़ डॉ़ नीतू अग्रवाल तथा डॉ. प्रवीण गर्ग ने रक्त प्रवाह से संबंधित , एएलएल के नेशनल कॉरडिनेटर डॉ. ए के रावत एवं ज्वाइंट कॉरिडिनेटर डॉ. अनंत केतकर ने सांस और डॉ. तरूण चंद्रा ने बच्चों की गंभीर बीमारियों के संबंध में जानकारी दी।
कार्यशाला में अन्य प्रदेशों से आये प्रशिक्षकों ने मैनीक्विन एवं मशीन पर गंभीर रोगों के त्वरित उपचार के बारे में चिकित्सकों को प्रशिक्षण दिया।

कार्यशाला में डॉ. आराधना कनकने, डॉ. अनुज शमशेरशेट्टी, डॉ. कमलप्रीत छाबड़ा, डॉ. नुपूर पांडे, डॉ. प्रताप सिंह, डॉ. सुरेंद्र नाथ, डॉ. अभिषेक जैन, डॉ. दीपक सिंह, डॉ. प्रदीप अग्रवाल , डॉ. दिव्या पिपरैया, डॉ. श्वेता शर्मा ,सीनियर रेजीडेंट, जूनियर रेजिडेंट एवं चिकित्सकों ने प्रतिभाग किया।

वैभव सिंह

बुंदेलखंड कनेक्शन

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