यी दिल्ली 28 नवंबर। उत्तराखंड में उत्तरकाशी के सिलक्यारा में सुरंग में एक दुर्भाग्यपूर्ण हादसे में दीपावली (12 नवंबर) से फंसे 41 श्रमिकों को केंद्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न एजेंसियों के सम्मिलित प्रयासों से आखिरकार मंगलवार को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।
सुरंग निर्माण के दौरान भूस्खलन की चपेट में आकर मलबा सुरंग पर गिरने से 41 मजदूर सुरंग में फंस गये थे । देश में हुए इस भीषण हादसे के बाद देश विदेश की विभिन्न एजेंसियों के द्वारा मिलकर 17 दिनों तक चलाये गये रेसक्यू अभियान को आखिरकार मंगलवार को सफलता मिलती। आज का दिन इन मजदूरों के परिजनों और देश के लिए शुभ मंगलवार साबित हुआ।
इस पूरे अभियान में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, भारतीय सेना और अन्य राज्य और केंद्रीय एजेंसियों को साइट पर तैनात किया गया था। इस पूरे अभियान भारतीय सेना के सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल और एनडीआरएफ टीम के सदस्य
सैयद अता हसनैन उत्तराखंड सुरंग दुर्घटना में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की भूमिका की देखरेख की। इस रेस्क्यू अभियान में इनकी भूमिका भी बेहद महत्वपूर्ण रही ।
क्रिस कूपर दशकों से एक माइक्रो-टनलिंग विशेषज्ञ के तौर पर काम कर रहे हैं और ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना के अंतरराष्ट्रीय सलाहकार भी हैं इन्हें ख़ास तौर पर इस रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए बुलाया गया था और यह 18 नवंबर से मौके पर मौजूद हो लगातार काम में जुटे थे। इन सभी लोगों की मेहनत आखिकार रंग लायी और मजदूर सुरंग से बाहर निकाले गये। मजदूरों को बाहर निकाल कर मेडिकल चेकअप के लिए भेजे गये।
टीम , वैभव सिंह
बुंदेलखंड कनेक्शन